वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत : अजीत अजीत शर्मा

भागलपुर (हिंस) । लोक सभा में मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा पेश और पारित वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत है। भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने इस विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस विधेयक (कानून) से भारतीय संघीय ढांचा के साथ-साथ राज्यों की विधान सभाओं की स्वतंत्रता के लिए एक आसन्न खतरा है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में चुनाव आयोग को इतनी शक्ति प्रदान की गई है जिससे चुनाव आयोग के निरंकुश होने की संभावना है। उल्लेखनीय हो कि मोदी सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया से सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को अलग कर सरकारी वर्चस्व का प्रावधान कर दिया है। जिससे चुनाव आयोग पूरी तरह सत्ता संपोषित हो गया है। यह कानून देश से लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त कर तानाशाही थोपने का सरकारी प्रयास है। विधायक श्री शर्मा ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टीयों सहित देश की जनता को इसका पुरजोर विरोध करने की जरूरत है। जिससे देश के लोकतंत्र की रक्षा हो सके ।

वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत : अजीत अजीत शर्मा
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