रेमंड और गोदरेज के बीच हुए 2825 करोड़ के सौदे की जांच कर रहा डीजीजीआई रिपोर्ट में दावा
नई दिल्ली।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) कथित तौर पर रेमंड और गोदरेज के बीच हालिया सौदे की जांच कर रहा है। इस साल की शुरुआत में, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने घोषणा की थी कि उसने रेमंड कंज्यूमर केयर लिमिटेड के एफएमसीजी कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए एक समझौता किया है, जो भारत में डियोड्रंट और सेक्सुअल वेलनेस श्रेणियों में अग्रणी खिलाड़ी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जीएसटी अधिकारियों ने रेमंड कंज्यूमर केयर से यह बताने के लिए कहा है कि सौदे की लेनदेन राशि पर जीएसटी क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने रेमंड को इस सौदे के लिए 2,825 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इस सौदे में पार्क एवेन्यू, केएस, कामसूत्र और प्रीमियम के ट्रेडमार्क के साथ एफएमसीजी कारोबार का अधिग्रहण किया गया था। डीजीआई ने कथित तौर पर रेमंड से जुड़े परिसरों का किया निरीक्षण डीजीजीआई ने कथित तौर पर रेमंड से जुड़े परिसरों का निरीक्षण भी किया। रेमंड के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि यह एक निरीक्षण था और तलाशी नहीं था । प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने दस्तावेजों के साथ एक उपयुक्त स्पष्टीकरण दिया है ताकि यह साबित हो सके कि बिक्री पर जीएसटी नहीं लगता है प्रवक्ता ने कहा, सौदे की रूपरेखा और दोनों पक्षों द्वारा मांगी गई स्वतंत्र कर विशेषज्ञों की राय के आधार पर इस सौदे पर कोई जीएसटी नहीं लगता क्योंकि यह मौजूदा चिंता के आधार पर कारोबार की बिक्री थी । जीसीपीएल के एमडी और सीईओ सुधीर सीतापति ने अप्रैल में सौदे की घोषणा करते हुए कहा था कि इस अधिग्रहण से कंपनी को अपने बिजनेस पोर्टफोलियो और ग्रोथ स्ट्रैटिजी को अंडर-पैनिट्रेटेड कैटिगरी के साथ कॉम्प्लिमेंट करने का मौका मिलेगा। रेमंड डियोड्रंट और सेक्सुअल अवेयरनेस श्रेणी में रहा है मार्केट लीडर उन्होंने कहा था कि डियोड्रंट और सेक्सुअल अवेयरनेस जैसी श्रेणियां, जहां रेमंड एक अग्रणी खिलाड़ी है, में समान उभरते बाजारों की तुलना में भारत में कम प्रति व्यक्ति खपत को देखते हुए आने वाले दशकों में दोहरे अंकों में वृद्धि होने की क्षमता है। सीतापति ने कहा कि उनका उद्देश्य इन श्रेणियों की क्षमता को अनलॉक करना है ।