रास में दूरसंचार बिल पास, राष्ट्रपति की अनुमति के बाद बनेगा कानून
नई दिल्ली। गुरुवार यानी 21 दिसंबर को राज्यसभा में दूरसंचार विधेयक बिल 2023 पास हो गया। इससे पहले इस बिल को लोकसभा में बुधवार को ध्वनि मत से पास करवाया गया था । यह बिल सरकार को नागरिकों और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी टेलीकॉम सर्विस या नेटवर्क को संभालने, बैन करने या उन्हें निलंबित करने की अनुमति देता है। दूरसंचार विधेयक बिल भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम- 1950 की जगह लेगा । साथ ही यह केंद्र सरकार को किसी भी आपातकाल की स्थिति में या सार्वजनिक सुरक्षा के हित में दूरसंचार नेटवर्क पर कब्जा करने की भी अनुमति देता है । अब राष्ट्रपति की अनुमति के बाद यह विधेयक कानून की शक्ल ले लेगा। इसके अलावा दूरसंचार विधेयक बिल 2023 केंद्र सरकार को आपदा या पब्लिक इमरजेंसी के दौरान देश में किसी भी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस या नेटवर्क को अस्थायी कब्जा करने की अनुमति देता है । यह बिल दूरसंचार नेटवर्क को सस्पेंड करने की परमिशन देता है। साथ ही बिल में कहा गया है कि केंद्र सरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की रक्षा और सुरक्षा के हित में किसी भी व्यक्ति या समूह को या किसी टेलीकॉम डिवाइस से किसी भी मैसेज को कंट्रोल कर सकती है। वहीं, इस विधेयक के मुताबिक, केंद्र या राज्य सरकारों से मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के भारत में प्रकाशित होने वाले मैसेज को तब तक नहीं रोका जएगा, जब तक कि उनका ट्रांसमिशन राष्ट्रीय सुरक्षा के नियमों के तहत प्रतिबंधित ना हो। बहस का जवाब देते हुए संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूरसंचार विधेयक 2023 औपनिवेशिक युग के दो कानूनों को बदलने के लिए नए भारत की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लाया जा रहा है।