राज्य सरकार ने विज्ञापनों पर चार वर्षों में खर्च किए 370 करोड़ रुपए

राज्य सरकार ने विज्ञापनों पर चार वर्षों में खर्च किए 370 करोड़ रुपए
राज्य सरकार ने विज्ञापनों पर चार वर्षों में खर्च किए 370 करोड़ रुपए

गुवाहाटी (हि.स.) । असम में मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने बीते चार वित्तीय वर्षो में विज्ञापनों पर 370 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। यह जानकारी बुधवार को असम विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आज एक प्रश्न के उत्तर में सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पियूष हजारिका ने दी। मंत्री ने बताया कि इससे पहले, मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के कार्यकाल (2016-2021 ) में सरकार द्वारा पांच वर्षों में विज्ञापनों पर कुल 125.6 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। कांग्रेस विधायक अब्दुल बातिन खंडकार के एक लिखित प्रश्न के जवाब में मंत्री ने बताया कि वर्तमान भाजपा सरकार ने 2021-22 से लेकर अब तक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और आउटडोर मीडिया में कुल 372.33 करोड़ रुपए विज्ञापनों पर खर्च किए हैं। डॉ. शर्मा ने मई 2021 में मुख्यमंत्री पद संभाला था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में सोनोवाल सरकार द्वारा विज्ञापनों पर 30.24 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे । 2021-22 में यह राशि बढ़कर 72.83 करोड़ रुपए हो गई, जब डॉ. शर्मा मुख्यमंत्री बने । मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा सरकार के कार्यकाल में हर वर्ष विज्ञापन खर्च में वृद्धि दर्ज की गई। 2022-23 में यह खर्च 78.85 करोड़ रुपए रहा, जबकि 2023-24 में बढ़कर 160.92 करोड़ रुपए हो गया। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024- 25 में अब तक 59.72 करोड़ रुपए विज्ञापनों पर खर्च किए जा चुके वोट काटने के लिए चुनाव में खड़ी होती है। इमरान सोलंकी की बात करें तो उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा वक्फ की जमीन है। उन्होंने दावा कि 8000 वक्फ की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है, इन्हें जमीनों में ईडन गार्डन की जमीन भी शामिल है। कोलकाता की पार्क स्ट्रीट में भी उन्होंने वक्फ की 105 प्रॉपर्टी होने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कोलकाता में 2,595 एकड़ जमीन वक्फ की है। नेता ने फोर्ट विलियम को भी वक्फ की जमीन बताया। उन्होंने कहा कि बंगाल में वक्फ बोर्ड के लोग सरकार से मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीन के लिए अब उनकी पार्टी आवाज उठाएगी और काम भी होगा। हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं जब किसी जगह को वक्फ की संपत्ति बताया गया है। ईडन गार्डन स्टेडियम से पहले दिल्ली एयरपोर्ट और महाकुंभ की 55 बीघा जमीन पर भी दावा किया गया था कि ये वक्फ की जमीन है, जिसको लेकर काफी बवाल मचा था ।

राज्य सरकार ने विज्ञापनों पर चार वर्षों में खर्च किए 370 करोड़ रुपए
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