गुवाहाटी। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को घोषणा की कि आधार कार्ड से वंचित 9.35 लाख से अधिक लोग अब अपने निर्धारित आधार केंद्रों से आधार कार्ड प्राप्त कर सकेंगे। फरवरी और अगस्त 2019 के बीच 9,35,682 व्यक्तियों के इस समूह ने उन केंद्रों पर आधार कार्ड जारी करने के लिए अपने बायोमेट्रिक्स उपलब्ध कराए थे जो एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) केंद्र भी थे। शर्मा ने बताया कि प्रभावित व्यक्तियों में वे लोग भी शामिल हैं जो सीधे तौर पर एनआरसी से जुड़े नहीं थे, लेकिन उनके बायोमेट्रिक्स उस अवधि के दौरान एकत्र किए गए थे जब आधार पंजीकरण और एनआरसी नामांकन एक साथ किए गए थे। मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि व्यापक प्रयासों के बावजूद, राज्य को एनआरसी और आधार के बीच स्पष्ट संबंध स्थापित करने में चुनौतियों का सामना करना जिसके कारण कार्ड जारी करने में रुकावट आई। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के समाधान के लिए राज्य सरकार ने एक कैबिनेट उप-समिति गठित की है, जो अखिल असम छात्र संघ (आसू) सहित विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने यह भी पाया कि एनआरसी से जिन 19 लाख लोगों के नाम गायब हैं और इन 9.35 लाख व्यक्तियों के बीच कोई संबंध नहीं है। शुरू में, हमने सोचा कि बाद वाले लोग पहले वाले का हिस्सा हैं, लेकिन हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि वे नहीं हैं। समिति के निष्कर्षो ने निष्कर्ष निकाला कि उस समय आधार और एनआरसी मुद्दों के बीच कोई ठोस संबंध नहीं था, जिससे आधार कार्ड जारी करने का रास्ता साफ हो गया। कैबिनेट ने उप समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी और पिछले दो वर्षों से केंद्र के साथ इस मामले को आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री शर्मा ने आगे बताया कि 29 जुलाई को केंद्र ने इस मुद्दे पर आधिकारिक दस्तावेज मांगे थे। सॉलिसिटर जनरल से परामर्श के बाद केंद्र ने आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया फिर से शुरू करने का निर्देश दिया। शर्मा ने कहा कि एक महीने के भीतर, लोग उन केंद्रों से अपने आधार कार्ड प्राप्त कर सकते हैं, जहां उन्होंने पहले अपने बायोमेट्रिक्स उपलब्ध कराए थे । उन्होंने केंद्र के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लंबे समय से चली आ रही इस समस्या के समाधान से अब प्रभावित व्यक्ति अपने आधार कार्ड का उपयोग करके राशन कार्ड और अन्य सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।