राज्य में 12 लाख परिवारों को वित्तीय और नैतिक सहायता सुनिश्चित करने की है पहल : सीएम

गुवाहाटी (हि.स.)। असम के सर्वांगीण विकास को गति देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने आज बुधवार को सरुसजाई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य भर में 12 लाख परिवारों तक सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से 12 दिवसीय विकास पहल की शुरुआत की। इस 12 दिवसीय विकास पहल के एक हिस्से के रूप में, मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने आज आनंदराम बरुवा मेरिट छात्रवृत्ति के तहत एचएसएलसी परीक्षा में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लाने वाले 26,969 छात्रों को नकद पुरस्कार और मुख्यमंत्री की विशेष योजना के तहत कक्षा 9 के छात्रों को 3,23,640 साइकिलें वितरित कीं। इसके अतिरिक्त, प्रज्ञान भारती योजना के डॉ. बाणीकांत काकती मेरिट पुरस्कार के तहत उच्चतर माध्यमिक में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाली छात्राओं और 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को 48,673 स्कूटर प्रदान किए गए। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि आज से, टीम असम लोगों से मिलने और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत अनुदान और सहायता वितरित करने के लिए 12 दिनों की यात्रा शुरू करेगी । यह 12 दिवसीय अवधि राज्य भर में 12 लाख परिवारों को वित्तीय और नैतिक समर्थन सुनिश्चित करेगी। असम को महान बनाने के उनके दृष्टिकोण के लिए बाणीकांत काकती और आनंदोराम बरुवा जैसे दिग्गजों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने प्राप्तकर्ता छात्रों को बधाई दी और उनसे परिश्रम, अनुशासन, समर्पण और दृढ़ता के गुणों को अपनाने और योग्य नागरिक बनने के लिए कहा। उन्होंने छात्रों से खुद को सशक्त बनाने और स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसे राष्ट्रीय आंदोलनों में योगदान देने को कहा। छात्रों को अमृत पीढी के नाम से संबोधित करते हुए डॉ. शर्मा ने उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने का प्रयास करने को कहा। छात्रों को विकसित भारत का भविष्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों के सशक्तीकरण के लिए उनकी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में गतिशीलता लाई है । राज्य सरकार ने बेहतर बुनियादी ढांचे और नए संस्थानों के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि 23 मेडिकल कॉलेजों के अलावा, जिनमें से कुछ काम कर रहे हैं और कुछ का काम पूरा होने वाला है, दरंग, हैलाकांदी और होजाई में तीन मेडिकल कॉलेजों की नींव रखी जाएगी। इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में चाय बागान क्षेत्रों में 224 स्कूल स्थापित किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में राज्य के हर जिले में एक विश्वविद्यालय होगा, ताकि राज्य के हर बेटे और बेटी को उच्च शिक्षा सुनिश्चित और सुविधाजनक बनाया जा सके। राज्य की लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने लड़कियों से जीवन की किसी भी परिस्थिति में अपनी पढ़ाई न छोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी पढ़ाई जारी रखने में मदद करने के लिए निजुत मोइना योजना शुरू की है। उन्होंने यह भी कहा कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद महिलाओं को सरकारी नौकरियों के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि अब सरकारी नौकरी पाना बहुत ही निष्पक्ष और पारदर्शी हो गया है, जिसमें कोई कदाचार शामिल नहीं है, इसलिए उन्होंने शिक्षित लड़कियों से सरकारी नौकरियों के लिए प्रयास करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चूंकि राज्य सरकार इस 12 दिवसीय यात्रा पर निकल रही है, इसलिए वह कुछ अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दे रही है। उन्होंने कहा कि असम माइक्रोफाइनेंस प्रोत्साहन और राहत योजना के तहत 78,000 से अधिक उधारकर्ताओं को उनकी ऋण योग्यता और वित्तीय स्थिरता बहाल करने के लिए 223.30 करोड़ रुपए से अधिक के कुल राहत पैकेज से लाभान्वित किया जाएगा। आपदा प्रभावित 6.86 लाख से अधिक परिवारों को गृह पुनर्निर्माण, आजीविका सहायता और आवश्यक आपूर्ति के लिए 353.37 करोड़ रुपए वितरित किए जाएंगे। औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को समर्थन देने के लिए 6,490 स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को 21.90 करोड़ रुपए वितरित किए जाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रज्ञान भारती योजना के तहत स्कूटर प्राप्त करने वाले छात्रों से भी आग्रह किया कि वे लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही अपने दोपहिया वाहन चलाएं। उन्होंने उनसे स्कूटर के साथ बाहर निकलते समय हेलमेट पहनने को भी कहा। शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु ने भी इस शुभारंभ समारोह को संबोधित किया, जिसमें कृषि मंत्री अतुल बोरा, पर्यावरण और वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी, विधायक रमेंद्र नारायण कलिता, सुमन हरिप्रिया, दिगंत कलिता, हेमांगा ठाकुरिया और अन्य लोग शामिल हुए।

राज्य में 12 लाख परिवारों को वित्तीय और नैतिक सहायता सुनिश्चित करने की है पहल : सीएम
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