मुसीबत : मछली की जगह फंसी सौ किलो का रॉकेट

नेल्लोर | आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में मछली पकड़ने समंदर में उतरे मछुआरों को एक ऐसी चीज मिली है, जिसे देखकर वह हैरान रह गए। करीब 100 किलो से अधिक वजनी इस वस्तु को मछुआरों ने समंदर के किनारे लगाया और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस भी रॉकेट जैसी इस चीज को देखकर हैरान रह गई। आनन फानन में मामले की जानकारी नेवी को दी गई। इस सूचना पर मौके पर पहुंचे नेवी के अधिकारियों ने बताया कि यह चीज तो रॉकेट ही है, लेकिन यह सेना का नहीं है। संभावना जताई जा रही है कि यह किसी निजी रक्षा या एयरोस्पेस फर्म से संबंधित हो सकता है। फिलहाल पुलिस ने इसे कब्जे में लेकर मामले की ना जांच शुरू कर दी है। इस रॉकेट की विधिवत जांच कराने के बाद पुलिस ने बताया कि इस रॉकेट में ‘कोई नेविगेशन सिस्टम है और ना ही ट्रिगरिंग तंत्र, फ्यूज है। यही नहीं, इसमें ठोस या तरल किसी तरह का ईंधन भी नहीं है । बावजूद इसके, जांच कराई जा रही है कि यह रॉकेट यहां कैसे आया और इसे कौन लाया। पुलिस और कोस्टगार्ड इसे दुश्मन देश की साजिश से भी जोड़ कर देख रही है। उधर, मत्स्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह रॉकेट करीब 3 महीने पहले समंदर में गिरा होगा। फिलहाल इसे फिसिंग हर्बर थाना पुलिस को हैंडओवर किया गया है। मछुआरों ने बताया कि वह जब भी समंदर में जाल डालते हैं, उससे पहले गंगम्मा की पूजा करते हैं। उन्हें उम्मीद रहती है कि इस प्रयास में उन्हें अच्छी सफलता मिलेगी। इस बार भी वह गंगम्मा की पूजा के बाद समंदर में जाल डाले । लेकिन जब जाल खींचा गया तो उसका वजन सामान्य से ज्यादा लगा। ऐसे में मछुआरे खुश हो रहे थे कि इस बार गंगम्मा की बड़ी कृपा हुई है। वहीं जब जाल किनारे आया तो वह जाल में फंसी वस्तु को देखकर हैरान रह गए। इसके बाद कासिमेदु मछुआरा संघ ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। मछुआरों की टीम का नेतृत्व कर रहे वेंकटरमन ने बताया कि उनकी टीम मछली पकड़ने के लिए नेल्लोर के पास निजामपट्टनम पहुंची थी। यहां जाल में उन्हें मछलियां तो मिली नहीं, ये रॉकेट मिल गया । इस रॉकेट को खींच कर बाहर लाने में उनके जाल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अब इस जाल की मरम्मत कराने में 30 हजार रुपए से भी अधिक का खर्च आएगा ।

मुसीबत : मछली की जगह फंसी सौ किलो का रॉकेट
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