गुवाहाटी। देशभर में बुधवार को दुर्गा पूजा 2024 की महा षष्ठी मनाई जा गई। गुवाहाटी भी इस उत्सव से अछूता नहीं रहा और बड़ी संख्या में भक्तों के साथ-साथ राज्य के मुख्यमंत्री ने भी कई पूजा पंडालों का दौरा किया और देवी मां की पूजा-अर्चना की। उधर बुधवार को इस साल के दुर्गा पूजा समारोह का भव्य आयोजन शुरू हो गया क्योंकि आज दुर्गा पूजा 2024 की महा षष्ठी है। इस अवसर पर पूजा पंडालों में मूर्तियों को स्थापित किया गया है और पंडालों में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। समारोह के लिए सभी पूजा पंडालों को सजाया और रोशन किया गया है। महा षष्ठी के बाद से पंडालों में पूजा अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। ये अनुष्ठान महा दशमी तक जारी रहेंगे, जो आने वाले सप्ताहांत में पड़ रही है। शहर भर के पूजा पंडालों में दिन भर बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी। कई स्थानों पर सुबह-सुबह ही पंडालों में मूर्ति स्थापित होने के तुरंत बाद अनुष्ठान शुरू हो गए, जबकि कई अन्य स्थानों पर दोपहर में ही उत्सव शुरू हो गया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दुर्गा पूजा 2024 की महा षष्ठी के अवसर पर कई पूजा पंडालों का दौरा किया। उन्होंने देवी मां से आशीर्वाद मांगा और नागरिकों की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने बड़ी संख्या में भक्तों और पूजा समिति के सदस्यों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई, जिन्होंने मुख्यमंत्री का उत्सुकता से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा कि चूंकि दुर्गापूजा 2024 उत्सव शुभ षष्ठी के साथ शुरू हो रहा है, इसलिए मैंने कामरूप (एम) के विभिन्न पूजा पंडालों में मां दुर्गा की पूजा की। पूरे राज्य में सामुदायिक दुर्गा पूजा हमारी परंपराओं को आगे बढ़ा रही है और मुझे खुशी है कि हम उनके प्रयासों में उनकी सहायता करने में सक्षम हैं। उधर शारदीय दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने असम के लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में डॉ. शर्मा ने सनातन सभ्यता और संस्कृति की गहरी जड़ों को दर्शाया, जहां देवताओं पूजा हमेशा मार्गदर्शक प्रकाश रही है। उन्होंने कहा कि ये पवित्र परंपराएं भारतीय आध्यात्मिक दर्शन का सार दर्शाती हैं, जो ईश्वरीय संबंध की भावना को पोषित करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैदिक युग से मनाया जाने वाला त्योहार दुर्गा पूजा मानवतावाद और नैतिक मूल्यों के सिद्धांतों के आधार पर लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि शारदीय दुर्गा पूजा न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि प्रेम, भाईचारे और एकजुटता का उत्सव भी है, जो लोगों को सद्भाव की भावना से जोड़ता है। डॉ. शर्मा ने कहा कि प्राचीन कामरूप राज्य के समय से प्रचलित दुर्गा पूजा की समृद्ध परंपरा राज्य की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस त्यौहार का सार – बुराई पर विजय प्राप्त करके सत्य की रक्षा करना- शांति और सद्भाव का संदेश लेकर आता है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि शारदीय दुर्गा पूजा असम में एकता और आपसी सहयोग की भावना को मजबूत करने के लिए सभी को सामूहिक रूप से काम करने के लिए प्रेरित करेगा ।