गुवाहाटी। 510 किलोमीटर लंबी मिजोरम – म्यांमार सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने के लिए, बिना बाड़ वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले निवासियों को अब एक- दूसरे से मिलने के लिए सीमा पास की आवश्यकता होगी। केंद्र द्वारा जारी निर्देश का उद्देश्य सीमा पार आवागमन की निगरानी और विनियमन को बढ़ाना है और इसे 31 दिसंबर से लागू कर दिया गया है। गृह मंत्रालय (एमएचए) के दिशा-निर्देशों के तहत शुरू की गई नई सीमा पास पहल, राज्य पुलिस, असम राइफल्स और स्वास्थ्य अधिकारियों सहित सीमा की सुरक्षा करने वाली सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी की जाएगी। यह योजना मिजोरम के छह जिलों – चंफाई, सियाहा, लांग्टलाई, हनाथियाल, सैतुअल और सेरछिप को प्रभावित करती है, जो म्यांमार के चिन राज्य के साथ सीमा साझा करते हैं। चंफाई जिला पुलिस द्वारा हाल ही में जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है कि भारत और म्यांमार के बीच सीमा पार यात्रा करने के इच्छुक व्यक्तियों को अब सीमा पास प्राप्त करना होगा, जो केवल सात दिनों के लिए वैध रहेगा । पास के लिए आवेदन करने हेतु निवासियों को सीमा के 10 किमी के दायरे में निवास का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। ऐसा प्रमाण स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी, ग्राम प्रधान या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ग्राम प्राधिकारी से प्राप्त किया जा सकता है। तथा यह एक वर्ष तक वैध रहता है। उल्लेखनीय बात यह है कि सीमा पास केवल सात दिनों के लिए वैध होता है, तथा इसे उसी क्रॉसिंग पॉइंट पर वापस करना होता है जहां से इसे जारी किया गया था। इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए जोखावथर और ह्राहलान स्थित क्रॉसिंग प्वाइंट सोमवार से शनिवार तक प्रातः 6:00 बजे से अपराह्न 3:30 बजे तक चालू रहेंगे। प्रत्येक पास प्रत्येक आवेदन के लिए एक वयस्क को जारी किया जाएगा। नाबालिगों के लिए, माता-पिता को उनके साथ जाना होगा और एक माता – पिता को जारी किए गए एकल पास पर अधिकतम तीन बच्चों का विवरण शामिल किया जा सकता है। यदि किसी अभिभावक को तीन से अधिक बच्चों को साथ लाने की आवश्यकता होगी तो उन्हें अतिरिक्त पास जारी किया जाएगा।