मावजिंबुइन गुफा में शिवलिंग की पूजा पर कोई प्रतिबंध नहीं

शिलागं । कुटुंबा सुरक्षा परिषद (एसपी) के अध्यक्ष सत्य रंजन बोरा के एक बयान के अनुसार, पूर्वी खासी हिल्स के उपायुक्त कार्यालय में हुई एक हितधारक बैठक में मौसिनराम में मौजिंबुइन गुफा शिवलिंग में पूजा के लिए अप्रतिबंधित पहुंच की पुष्टि की गई है। बोरा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि डीसी और दोरबार श्नोंग हिमा मौसिनराम के प्रतिनिधियों ने प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक मिलने का समय निर्धारित किया है, तथा श्रावण के दौरान विशेष व्यवस्था करने की योजना बनाई है। आधिकारिक बयान में जोर दिया गया कि मावजिंबुइन गुफा में शिवलिंग की पूजा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। विज्ञप्ति में कहा गया कि पर्यावरण सुरक्षा उपाय लागू रहेंगे, गुफा परिसर में धुआं पैदा करने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध रहेगा, यह एक शर्त है जिस पर बैठक में केएसपी के 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सहित सभी हितधारकों ने सहमति जताई। बोरा ने सेंग खासी हिमा मौसिनराम और मेघालय स्वदेशी अल्पसंख्यक जनजातीय फोरम की अपील के बाद अपनी भागीदारी के बारे में बताते हुए कहा कि हम देश में राष्ट्रीय अखंडता और सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। बोरा ने बयान में कहा कि हम बैठक आयोजित करने के लिए मेघालय सरकार और पूर्वी खासी हिल्स जिला प्रशासन के आभारी हैं और विवाद को सुलझाने की उनकी मंशा व्यक्त करते हैं। हितधारक बैठक में भाग लेने के अलावा, केएसपी ने डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री कॉनराड के सांग्मा को एक औपचारिक पत्र प्रस्तुत किया है। पत्र में केएसपी की भागीदारी का विवरण दिया गया है और गुफा के प्रबंधन के लिए विस्तृत सुझाव दिए गए हैं। पत्र में बोरा ने केएसपी के संवैधानिक जनादेश पर जोर देते हुए कहा कि भारत का गौरवशाली नागरिक होने के नाते, देश में कहीं भी अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा करना हमारा मौलिक कर्तव्य है। पूजा का अधिकार, जीने का अधिकार, अभिव्यक्ति का अधिकार (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता), आवागमन का अधिकार आदि हमारे संवैधानिक मौलिक अधिकारों में आते हैं। पत्र का समापन मेघालय की स्वदेशी सांस्कृतिक विरासत को कायम रखने की प्रतिबद्धता के साथ होता है कि हम वास्तव में इसकी सुंदरता से प्रेम करते हैं तथा मेघालय की सदियों पुरानी स्वदेशी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व महसूस करते हैं।

मावजिंबुइन गुफा में शिवलिंग की पूजा पर कोई प्रतिबंध नहीं
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