मांग में कमी और वैश्विक दबाव के कारण सोने-चांदी में गिरावट, ट्रंप की जीत से बदला गोल्ड मार्केट का रुझान

घरेलू सर्राफा बाजार में जबरदस्त कमजोरी नजर आ रही है। सोना और चांदी दोनों चमकीली धातुओं ने जोरदार गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की है। सोना की कीमत में 1,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की और चांदी की कीमत में 3,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक की गिरावट आ गई है। इसके पहले सर्राफा बाजार में इतनी तेज गिरावट आम बजट में आए सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को घटाने के बाद देखी गई थी। माना जा रहा है कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद सोने की मांग में कमी होने की आशंका बन गई है, जिसकी वजह से वैश्विक दबाव में सोना और चांदी के भाव में गिरावट आ गई है। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद सेफ इन्वेस्टमेंट की जगह निवेशक ज्यादा जोखिम वाले निवेश की ओर आकर्षित हुए हैं। खासकर निवेशकों ने बिटकॉइन जैसी बड़ी क्रिप्टो करेंसी में कैपिटल फ्लो बढ़ा दिया है। इसकी वजह से बिटकॉइन जहां ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंचकर ट्रेड कर रहा है, वहीं सोने की मांग में अचानक गिरावट आ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सेंटीमेंट कमजोर होने के कारण सोने की आयात पर निर्भर करने वाले भारत जैसे कई देशों के बुलियन मार्केट में भी सोना कमजोर हुआ है। मार्केट सेंटीमेंट कमजोर होने और ज्वेलरी सेक्टर में मांग में आई गिरावट के कारण भी सोने पर दबाव की स्थिति बन गई है। बुलियन मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के अनुसार दिवाली के बाद ज्यादातर सर्राफा बाजारों में हाजिर सोने की मांग में गिरावट आई है । ये गिरावट शादी का सीजन शुरू होने तक जारी रह सकती है। शादी का सीजन शुरू होने के बाद भारतीय सर्राफा बाजारों में सोने चांदी की मांग में एक बार फिर तेजी आने की उम्मीद है, लेकिन यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत पर दबाव बना रहा, तो भारत में भी खरीदारों को राहत मिल सकती है। इसी तरह जगदंबा सिक्योरिटीज एंड कमोडिटीज सर्विसेज के सीईओ नमन अग्रवाल के अनुसार धनतेरस और दिवाली का त्योहार बीतने के बाद सिक्का निर्माताओं की ओर से भी मांग में कमी आई है। इसके साथ ही ज्वेलरी सेक्टर में भी खरीदारी घटी है। वेडिंग सीजन के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने पहले से ही बुकिंग कर रखी है। इसलिए शादी ब्याह के दौरान भी मांग में बहुत अधिक तेजी आने की संभावना काफी कम है। इसी तरह चांदी की मांग में भी लगातार कमी आई है। खासकर, इंडस्ट्रियल डिमांड में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। यही वजह है कि कुछ दिन पहले एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर जाने वाली चांदी लुढ़क कर 93 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर से भी नीचे आ गई है। जानकारों का कहना है कि भारत में सोने और चांदी की कीमत में पिछले कुछ समय से जारी रिकॉर्ड तोड़ तेजी की सबसे बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग में जोरदार बढ़ोतरी होना रहा है। मिडिल ईस्ट के तनाव और अमेरिक में बनी राजनीतिक अनिश्चितता के कारण निवेशकों पिछले कुछ समय से सेफ इनवेस्टमेंट के रूप में सोना और चांदी में ही निवेश कर रहे थे, जिसकी वजह से 30 अक्टूबर को कॉमेक्स पर सोना 2,802 डॉलर प्रति ऑन्स के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था, वहीं चांदी की कीमत भी 38 डॉलर के स्तर के ऊपर पहुंच गई थी, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। नमन अग्रवाल का कहना है कि अमेरिका के चुनाव परिणामों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद राजनीतिक अनिश्चितता खत्म हो गई है, जिसकी वजह से निवेशकों ने सेफ इनवेस्टमेंट का रास्ता छोड़कर रिस्क लेना शुरू कर दिया है । इसीलिए दो दिन में ही बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी रिकॉर्ड 76,300 डॉलर के स्तर से भी ऊपर चली गई, वहीं सोना और चांदी गिरावट का शिकार हो गए। इन दो दिनों ही सोना 2,680 डॉलर प्रति ऑन्स के स्तर के करीब पहुंच गया है। इसी तरह चांदी के भाव में भी 38 डॉलर प्रति ऑन्स से फिसल कर 31 डॉलर प्रति ऑन्स से भी नीचे आ गए हैं। अगर अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में अधिक परिवर्तन नहीं हुआ तो सोने चांदी में गिरावट का सिलसिला कुछ और समय तक जारी रह सकता है। लेकिन अगर ईरान और इजरायल के बीच एक बार फिर हमले का दौर शुरू हुआ तो निवेशक दोबारा गोल्ड मार्केट की ओर लौट सकते हैं, जिससे इन दोनों चमकीली धातुओं में एक बार फिर तेजी आ सकती है।

मांग में कमी और वैश्विक दबाव के कारण सोने-चांदी में गिरावट, ट्रंप की जीत से बदला गोल्ड मार्केट का रुझान
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