महाकुंभ समाज में एकजुटता, परस्पर सहयोग एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रतीक : चिदानंद सरस्वती

महाकुंभ समाज में एकजुटता, परस्पर सहयोग एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रतीक : चिदानंद सरस्वती
महाकुंभ समाज में एकजुटता, परस्पर सहयोग एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रतीक : चिदानंद सरस्वती

महाकुंभ नगर ( हिंस ) । महाकुंभ समाज में एकजुटता, परस्पर सहयोग और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के प्रतीक के रूप में उभरा है। यह बात गुरुवार को महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के बाद परमार्थ निकेतन शिविर के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा। उन्होंने महाकुंभ इस अद्भुत आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश सरकार, प्रशासन, मेला प्रशासन, स्वच्छता कर्मी और सुरक्षाकर्मियों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महाकुंभ में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने सुरक्षा व स्वच्छता की व्यवस्थाओं की सराहना की । स्वामी ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ- साथ सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनका समर्पण और रात दिन की मेहनत से महाकुम्भ, सभी के जीवन में यादगार बन पाया। स्वामी चिदानंद ने महाकुंभ के आयोजन कि लिए सभी जिम्मेदार संस्थाओं के योगदान की में उपस्थित श्रद्धालुओं तक पहुंचाया। उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक है । स्वामी चिदानंद सरस्वती ने शिविर के सभी श्रद्धालुओं को महाकुंभ के दौरान प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत कपड़े के सुंदर थैले वितरित किए। यह पहल पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से की गई, ताकि महाकुंभ के इस बड़े आयोजन को प्लास्टिक मुक्त रखा जा सके और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में एक कदम और बढ़ाया जा सके। इस पहल के द्वारा महाकुंभ में उपस्थित श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के बजाय पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान किए गए। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने सभी से अपील किया है कि भविष्य महाकुंभ व ऐसे बड़े आयोजनों को प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं और पर्यावरण को बचाने के लिए हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे। उन्होंने कहा कि मीडिया की सजगता व कर्तव्यनिष्ठा से पूरी दुनिया को इस अद्भुत महोत्सव के दर्शन हो पाए । दौरान स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के मार्गदर्शन व आशीर्वाद से परमार्थ निकेतन शिविर में विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं और एंबुलेंस की व्यवस्था की। वहीं दूसरी ओर परमार्थ निकेतन, शिविर में श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएं, आंखों की जांच, मधुमेह की जांच और आंखों के नंबर की जांच की गई। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को धूप से बचाव के लिए मुफ्त में धूप ‘के चश्मे भी वितरित किए गए। इन पहलुओं से महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं को फायदा पहुंचाया जिससे यह आयोजन उनके लिए और यादगार बना गया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने इस पहल को लेकर मेदांता द मेडिसिटी के डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया और कहा, यह एक अद्भुत पहल है और इस पहल के माध्यम से लाखों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखा गया । स्वामी जी ने विशेष रूप से डॉ. नरेश त्रेहन, डॉ. निशांत कुमार और पूरी टीम को धन्यवाद दिया । जिन्होंने इस चिकित्सा सेवाओं को महाकुंभ प्रशंसा की । महाकुंभ के दिव्य अवसर पर परमार्थ निकेतन शिविर में आयोजित मेदांता द मेडिसिटी ने लाखों श्रद्धालुओं को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गई। यह पहल न केवल एक चिकित्सकीय मिशन थी, बल्कि इसने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक मील का पत्थर स्थापित किया है। मेदांता द मेडिसिटी, जो देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है, ने इस महाकुंभ के

महाकुंभ समाज में एकजुटता, परस्पर सहयोग एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रतीक : चिदानंद सरस्वती
महाकुंभ समाज में एकजुटता, परस्पर सहयोग एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रतीक : चिदानंद सरस्वती