भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार का वर्तमान मूल्य 3.1 बिलियन डॉलर है। रेगुलेशन और टैक्सेशन से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद इसके 2034 तक 60 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। भारत के गेमिंग सेक्टर में अमेरिकी योगदान महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 2.5 बिलियन डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में से 1.7 बिलियन डॉलर सिर्फ अमेरिका से आया है। गेमिंग कारोबार के जानकार के अनुसार, यह भारत के तेजी से बढ़ते गेमिंग बाजार में वैश्विक निवेशकों के विश्वास को दिखाता है, जिसके 2034 तक 60 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस एफडीआई का 90 प्रतिशत हिस्सा पे-टू-प्ले सेगमेंट में है, जो कि इस सेक्टर के समग्र मूल्यांकन का 85 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपने हाई टैक्स रेट के लिए जाना जाता है । ऑनलाइन गेमिंग के लिए प्लेयर्स को अपनी कुल जमा पर सभी फॉर्मेट के लिए 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी चुकाना होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र केंद्रीय उत्पाद वर्गीकरण (यूएन सीपीसी) गेमिंग को ऑनलाइन जुए से अलग परिभाषित करता है। 600 मिलियन से ज्यादा गेमर्स के साथ इस सेक्टर का तेजी से मुद्रीकरण किया जा रहा है। यह निर्यात के लिए अवसर पेश करता है। हालांकि, भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए, हमें प्रगतिशील टैक्स और रेगुलेटरी नीतियों के साथ समान अवसर की आवश्यकता है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो ।