मुंबई । नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चरल एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने हाल ही में रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारतीय किसानों की चिंताजनक स्थिति का परिदृश्य पेश किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में भारतीय किसान परिवारों की मासिक औसत आय सिर्फ 13,661 रुपए है, जिसमें से 11,710 रुपए खर्च हो जाते हैं। इससे बचत मात्र 1,951 रुपए रह जाती है, जो किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। रिपोर्ट ने दर्शाया कि भारतीय किसानों के पास केवल 0.74 हेक्टेयर भूमि बची है, जो पिछले वर्षों में 1.08 हेक्टेयर से कम हो गई है। इससे किसानों की उत्पादकता और आय पर असर पड़ा है। 55.4 फीसदी किसान परिवार कर्जदार हैं, औसतन 91,231 रुपए का कर्ज उन पर है। किसानों के पास आधुनिक उपकरण की कमी, उचित दाम न मिलने से हुआ नुकसान और आर्थिक असुरक्षा के मुद्दों पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट का मानना है कि कृषि संकट न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक सुधार की मांग करता है। सरकार को किसानों की स्थिति में सुधार करने, कर्ज मुक्ति और फसलों के उचित मूल्य की गारंटी देने के लिए समग्र नीतियां बनानी होंगी। यही हमारी किसानों की मजबूती का रास्ता है, ताकि हम एक समृद्ध और आत्मनिर्भर कृषि क्षेत्र का निर्माण कर सकें।