वाशिंगटन। भारत से पंगा लेकर खालिस्तानियों के बुरे दौर तो पहले से ही शुरू हैं। अब आलम ये है कि खालिस्तानी एक दूसरे के भी खून के प्यासे होते नजर आ रहे हैं। सड़कों पर एक दूसरे को डंडे मार रहे हैं, एक दूसरे के कपड़े फाड़ रहे हैं। यहां तक की एक दूसरे पर कुर्सियां भी फेंक रहे हैं। अमेरिका के कैलिफोर्निया से कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि कैलिफोर्निया के क्यूबा शहर में आयोजित नगर कीर्तन में खालिस्तानियों की जमकर धुनाई हुई है। कुछ लोगों का मानना है कि खालिस्तानियों को मारने वाले भी खालिस्तानी हैं। या फिर वो सच्चे सिख जो अमेरिका के गुरुद्वारों पर खालिस्तानियों के कब्जे से परेशान हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि यूबा शहर के नगर कीर्तन में भारत के खिलाफ अपशब्द बोला जा रहा था । हिंदुओं को लेकर जहर उगला जा रहा था। एक्सपर्ट का मानना है कि खालिस्तानियों के बीच एक बड़ी दरार पैदा हो गई है। कथित तौर पर समूहों में से एक ने एक बैनर फहराने के लिए एक हेलीकॉप्टर तैनात किया था जिसमें लिखा था कि दिल्ली खालिस्तान होगी। सूत्रों का कहना है कि हालांकि दरार का कारण अज्ञात है, समूहों से जुड़े कुछ तत्व सिख फॉर जस्टिस समूह द्वारा नियंत्रित हैं। कनाडा के बाद, प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ने अब 28 जनवरी, 2024 से शुरू होने वाले खालिस्तान जनमत संग्रह के अमेरिकी चरण की घोषणा की है। एसएफजे ने रविवार को कैलिफोर्निया युबा शहर में 44 वें वार्षिक सिख परेड में यह घोषणा की। इसने 1986 में सिख अलगाववादियों सुखदेव सिंह और हरजिंदर सिंह द्वारा पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल एएस वैद्य की हत्या का जश्न मनाते हुए एक झांकी के साथ अमेरिका वोट की घोषणा की।