नई दिल्ली (हि.स.) । लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज इस बात पर जोर दिया कि भारत की टैक्स प्रणाली दुनिया में सबसे श्रेष्ठ प्रणाली है, जिसमें पारदर्शिता, कानून का शासन और कर नीतियों में स्थिरता है । इन नीतियों और कानूनों के कारण, पूरी दुनिया की कंपनियां और वहां के लोग भारत में निवेश करना चाहते हैं। ओम बिरला ने कहा कि स्थिर कर नीति के कारण भारत वैश्विक निवेशकों के लिए पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक बन गया है। कर सुधार उपायों, विशेष रूप से जीएसटी का उल्लेख करते हुए, बिरला ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल में किए गए इन उपायों से कराधान सरल हुआ है और भारत में व्यापार करना आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने हमारे देश में एक राष्ट्र एक कर की प्रणाली शुरू की है और पूरा विश्व इससे सीखने को उत्सुक है। बिरला ने कहा कि संसद और सरकार ने समय-समय पर कराधान प्रणाली में सुधार किए हैं, यही कारण है कि आज भारत की टैक्स प्रणाली दुनिया में सबसे पारदर्शी और विश्वसनीय मानी जाती है। उन्होंने कहा कि आईआरएस अधिकारियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है, जिसके कारण दुनिया भर के निवेशक भारत में निवेश करना चाहते हैं । बिरला संसद भवन परिसर में आईआरएस (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के 73 अधिकारी प्रशिक्षुओं (ओटी) के लिए संसदीय प्रक्रियाओं और कार्यपद्धतियों में प्रशंसा पाठ्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे । इस समूह में 74वें और 75वें बैच के अधिकारी और रॉयल भूटान सीमा शुल्क के 5 अधिकारी प्रशिक्षु शामिल थे। इस पाठ्यक्रम का आयोजन संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड), लोकसभा सचिवालय द्वारा किया गया था । बिरला ने युवा प्रशिक्षु अधिकारियों को बताया कि जहां 1947 में बजट 175 करोड़ रुपए था, वहीं आज हमारा बजट 40 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि यह उनके जैसे अधिकारियों के प्रयासों और योगदान का परिणाम है। इस बात पर जोर देते हुए कि हमारे संविधान और साझे लोकतांत्रिक मूल्यों से भारत की प्रगति का मार्ग प्रशस्त हुआ है, बिरला ने कहा कि हमारे संस्थापकों ने संसदीय लोकतंत्र का एक ऐसा मॉडल स्थापित किया है जिसने दुनिया को दिखाया है कि विभिन्न भाषाओं, धर्मों और संस्कृतियों के लोगों वाली विविध आबादी को कैसे एकजुट किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि देश की लोकतांत्रिक यात्रा के 75 वर्षों में भारत की संसद ने न केवल संविधान में संशोधन किए हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं भी बनाई हैं ।