बस या कार में यात्रा करते हुए जी मचलना या उल्टी आना, ऐसी परेशानी बहुत लोगों को होती है। असल में ऐसा मस्तिष्क के जबरदस्त हुनर के चलते होता है। बस, कार, विमान या पानी के जहाज में यात्रा करने के दौरान शरीर और मस्तिष्क के बीच एक असमंजस की स्थिति बन जाती है। यात्रा के दौरान दिमाग को ऐसा लगता है जैसे शरीर में जहर फैल रहा है। जान बचाने के लिए मस्तिष्क हरकत में आता है। जी मचलने लगता है और उल्टी सी आने लगती है। इस तरह दिमाग शरीर से विषैले तत्वों को बाहर करने की कोशिश करता है। लेकिन दिमाग को ऐसे संकेत मिलते क्यों हैं? इसका कारण समझाते हुए डॉक्टर कहते हैं कि यात्रा के दौरान सीट पर बैठा इंसान स्थिर होता है लेकिन कान लगातार गति की आवाज मस्तिष्क तक पहुंचा रहे होते हैं। कान, दिमाग को बताते हैं कि हम गतिशील है। एक तरफ स्थिर शरीर होता है तो दूसरी तरफ गति से जुड़ी जानकारी । ऐसी परस्पर विरोधाभासी जानकारी मिलने पर मस्तिष्क को लगने लगता है कि कुछ गड़बड़ हो रही है।