लंदन। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा अब वैश्विक चिंता का विषय बन चुकी है। इस मुद्दे ने ब्रिटेन की संसद तक दस्तक दे दी है, जहां सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर सरकार से जवाब मांगा। ब्रिटिश संसद में भारतवंशी सांसद प्रीति पटेल ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया । उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि बांग्लादेश में हिंसा के भयानक दृश्य बेहद चिंताजनक हैं। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मैंने संसद में सरकार से पूछा है कि वह इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार से क्या कदम उठाने को कह रही है। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और धर्म आधारित हिंसा रोकने के लिए सख्त कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है। सांसद बैरी गेरिंडर ने भी संसद में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर 2000 से अधिक हमले हो चुके हैं । हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। बांग्लादेश अब इस्लामिक स्टेट बनने की राह पर है। मैं ब्रिटेन के विदेश मंत्री से अपील करता हूं कि वे बांग्लादेश सरकार से इस गंभीर स्थिति पर तुरंत बातचीत करें। ब्रिटेन की विदेश मामलों की अंडर सेक्रेटरी कैथरीन वेस्ट संसद में बताया कि हमें बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से यह आश्वासन मिला है। कि अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। ब्रिटेन धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करता है। खासतौर पर हिंदू समुदाय के लिए हमने समर्थन देने का भरोसा दिलाया है। बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा तेजी से बढ़ रही है। मंदिर और मूर्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। हिंदू संत चिन्मय दास को जेल में डाल दिया गया है, और उनकी सुनवाई 2 जनवरी तक टाल दी गई है। कई हिंदुओं की हत्या और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आई हैं।