वैश्विक बाजारों में तेजी और देश में त्योहारी मांग बढ़ने से देश के खाद्य तेल- तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सभी तेल – तिलहनों के भाव मजबूत बंद हुए। इस तेजी के कारण सरसों, सोयाबीन एवं मूंगफली तेल – तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम में सुधार देखने को मिला। बाजार सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चे पामतेल (सीपीओ) का भाव 1,200 डॉलर प्रति टन हो गया जो उसके पिछले सप्ताह 1,135 1,140 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह सोयाबीन तेल का दाम 1, 140-1,045 डॉलर प्रति टन से बढ़कर समीक्षाधीन सप्ताह में 1,242 1,247 डॉलर प्रति टन हो गया। इसके अलावा त्योहारी मांग बढ़ने से सभी तेल-तिलहनों में सुधार दर्ज हुआ। सूत्रों ने कहा कि सरकार को सूरजमुखी तेल की ही तरह आयात होने वाले सोयाबीन तेल, सीपीओ और पामोलीन तेल के लिए भी बाजार भाव के हिसाब से आयात शुल्क मूल्य ( टैरिफ) निर्धारण की व्यवस्था कर देनी चाहिये, क्योंकि आयात शुल्क में वृद्धि के बाद सूरजमुखी और बाकी तेल के आयात शुल्क मूल्य निर्धारण के अलग-अलग मानदंड अपनाने की वजह से अब इन्हीं खाद्य तेलों के आयात भाव का अंतर काफी बढ़ जाता है, जिससे सूरजमुखी महंगा बैठता है। इससे इसका आयात प्रभावित हो सकता है। बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 75 रुपये के सुधार के साथ 6,475 -6,525 रुपये प्रति किंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 400 रुपये की तेजी के साथ 13,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 45 रुपये और 55 रुपये की तेजी के साथ क्रमशः 2,160 – 2,260 रुपये और 2,160-2,285 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 115 रुपये और 110 रुपये की तेजी के साथ क्रमशः 4,760 – 4,810 रुपये और 4,460 4,695 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ । इसी प्रकार सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमशः 550 रुपये, 500 रुपये और 450 रुपये बढ़कर क्रमशः 13,650 रुपये, 13, 150 रुपये और 10,050 रुपये क्विंटल पर बंद हुए।