श्रीभूमी । असम के श्रीभूमि में कुशियारा नदी के पास मनसा मंदिर का पुनर्निर्माण 6 दिसंबर को फिर से शुरू हुआ, जब बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) ने इस पर आपत्ति जताई थी और काम रोक दिया था। बीजीबी टीम के आने और उनकी आपत्तियों को कैमरे में कैद किया गया। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बांग्लादेश के सीमा रक्षकों के बीच बैठक के बाद मंदिर के पुनर्निर्माण की अनुमति देने का निर्णय लिया गया। मंदिर स्थल, जहां पहले देवी मनसा का मंदिर था, पिछले कुछ वर्षों में जीर्ण-शीर्ण हो गया था । सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए सांसद मद से 3 लाख रुपए की धनराशि इसके पुनर्निर्माण के लिए स्वीकृत की गई, जिसका कार्य कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ है। बीएसएफ ने बैठक की व्यवस्था करने की पहल की और सुनिश्चित किया कि दोनों पक्ष आम सहमति पर पहुंचें। मंदिर समिति ने बीएसएफ अधिकारियों के प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया। अब हरी झंडी मिलने के साथ ही मंदिर निर्माण आधिकारिक तौर पर पुनः शुरू हो गया है। बता दें कि बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा से जुड़े बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने बेहद उकसावे भरी कार्रवाई करते हुए भारतीय सीमा के अंदर प्रवेश किया है। बीजीबी ने गुरुवार 5 दिसंबर को असम के श्री भूमि जिले में भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कुशियारा नदी के पास चल रहे एक मंदिर के जीर्णोद्धार के काम को रोकने की कोशिश की थी। बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड ने यह हिमाकत ऐसे समय में की है, जब दोनों पड़ोसियों के बीच पहले से ही तनाव बढ़ा हुआ है। श्रीभूमि में कुशियारा विसर्जन घाट के पास मनसा देवी का मंदिर है, जो कमजोर हालत में होकर गिर गया था। हाल ही में असम सरकार ने इसके जीर्णोद्धार के लिए 3 लाख रुपए आवंटित किए थे। गुरुवार को ही इस मंदिर के जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ था, जिसके बाद बांग्लादेश के सिलहट डिवीजन से बीजीबी के जवानों की एक टीम ने इस प्रक्रिया के दौरान हस्तक्षेप किया था। रिपोर्ट्स बताती हैं कि बांग्लादेश के सिलहट डिवीजन के जाकीगंज पॉइंट से बीजीबी जवान स्पीडबोट पर सवार होकर श्रीभूमि पहुंचे थे। भारतीय सीमा में पहुंचने पर उन्होंने मजदूरों को मरम्मत काम रोकने का निर्देश दिया था। इस दौरान सीमा पर तैनात भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों से के अधिकारियों का सामना हुआ। शाम को श्रीभूमि सीमा पर बीएसएफ और बीजीबी अधिकारियों के बीच कमांडेंट स्तर पर फ्लैग मीटिंग हुई। इस दौरान बीएसएफ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जीर्णोद्धार का काम मौजूदा मंदिर से संबंधित था और इसका भारत-बांग्लादेश तनाव से कोई संबंध नहीं था। चर्चा के बाद मुद्दा सुलझा लिया गया और बीएसएफ ने मंदिर अधिकारियों को जीर्णोद्धार काम जारी रखने के लिए अधिकृत कर दिया। मालूम हो कि श्री भूमि जिले में भारत बांग्लादेश के साथ 94 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जिसमें 43 किलोमीटर नदी से लगती है । इसके अलावा श्रीभूमि शहर में सीमा का 4 किलोमीटर हिस्सा बिना बाड़ के है। नवीनीकरण के काम को मंजूरी मिल गई है और आगे भी काम जारी रहने की उम्मीद जताई गई है। स्थानीय अधिकारियों ने इस मामले से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों पर असर नहीं पड़ने की बात कही है।