
हिसार (हिंस) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में प्रदेश व देशभर के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से प्रतिभागी लाभान्वित हो रहे हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के बीकानेर जिले के किसानों के लिए पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने सोमवार को बताया कि यह प्रशिक्षण राजस्थान सरकार के कृषि विभाग की आत्मा स्कीम के तहत विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में बीकानेर जिले के 20 गांवों के 36 किसानों ने भाग लिया। मशरूम उत्पादन एक पर्यावरण अनुकूल प्रक्रिया होने के साथ-साथ युवाओं एवं किसानों आमदनी बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा का एक बेहतर विकल्प है। मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है जिसे भूमिहीन युवा एवं किसान कम लागत से स्वरोजगार के रूप में स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन के अलावा इसके प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धित उत्पाद तैयार करने से भी अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है। संस्थान के सह- निदेशक डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि मशरूम एक संतुलित आहार है जिसमें विभिन्न प्रकार के खनिज, विटामिन, अमीनो एसिड्स, प्रोटीन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के साथ-साथ कई तरह के औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। मुख्य अतिथि ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण- पत्र प्रदान किए। प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. सतीश कुमार मेहता ने बताया कि वर्ष 2023-24 में राजस्थान 21 हजार 440 मीट्रिक टन मशरूम उत्पादन करके आठवें स्थान पर रहा। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को बटन, ढींगरि, दूधिया, शीटाके, कीड़ा – जड़ी, गेनोडर्मा मशरूम की उत्पादन विधि, प्रसंस्करण जैसे कैनिंग, आचारीकरण आदि विभिन्न मशरूम उत्पाद का आर्थिक विशेषण, जैविक- अजैविक समस्याओं के अलावा इनकी मार्केटिंग के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. अनिल कुमार यादव, डॉ. अनिल वत्स, डॉ. भूपेंद्र, डॉ. कविता दुआ जाधव, डॉ. ओमप्रकाश बिश्नोई, डॉ. विकास कम्बोज, डॉ. राकेश चुघ, डॉ. पवित्रा, डॉ. सरदूल मान, डॉ. जितेंद्र भाटिया, डॉ. अंजू सहरावत ने अलग-अलग विषयों पर मशरूम से संबंधित किसानों को जानकारी दी गई। डॉ. डीके शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया।
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