जयपुर (हिंस)। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनके बयान केवल उनकी खिसियाहट दिखलाते हैं। सोमवार को मीडिया के एक सवाल पर शेखावत ने कहा कि सबको अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए । राजनीतिक टिप्पणियां करने से पहले अपने पांच साल में किस तरह के हालात थे ? किस तरह से राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार कई गुना बढ़े थे? पेपरलीक के बारे में मैंने पहले भी कहा था। जिस आदमी की सरकार होते हुए राजस्थान में पेपरलीक के मामले में इतनी सारी घटनाएं हुईं। लगातार वो खुद आगे बढ़कर क्लीन चिट देते रहे। कहते रहे कि न इसमें सरकारी अधिकारी शामिल है, न राजनेता या कर्मचारी शामिल हैं, इस तरह की टिप्पणियां करते रहे । शेखावत ने कहा कि आज जब हकीकत सामने आ रही है, तब बौखलाए हुए हैं। इस तरह के बयान देते हैं, लेकिन राजस्थान की जनता ने पिछले 5 साल का उनके शासनकाल के उस कुराज को देखा है। वो अच्छी तरह से जानती और पहचानती है। उनके बयान उनकी खिसियाहट दिखलाते हैं। उल्लेखनी है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है। कोई मंत्री इस्तीफा दे रहा है। अधिकारी और लोग डेंगू से मर रहे हैं। जनता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री अब दिल्ली अप-डाउन करना बंद करें। प्रदेश की जनता का ख्याल करें। प्रदेश में हालात काफी खराब है। उन्होंने संजीवनी मामले पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को क्लीन चिट मिलने के सवाल पर गहलोत ने कहा था कि मैंने इस मामले में एक्स पर अपना पक्ष रख दिया था। इस मामले को लेकर 26 सितंबर को किए एक ट्वीट में गहलोत ने एसओजी पर यू-टर्न लेने का आरोप लगाया था। गहलोत ने आरोप लगाया था कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद एसओजी ने हाईकोर्ट में यू-टर्न ले लिया। इस केस के जांच अधिकारी को भी हटा दिया। भाजपा सरकार की ओर से नामित सरकारी वकीलों ने भी केंद्रीय मंत्री का ही पक्ष लिया । इन सबके बावजूद हाईकोर्ट ने मंत्री की याचिका के अनुरूप एफआईआर को रद्द नहीं किया है।