
सिलचर । बराक घाटी का औद्योगिक विकास भूमि की उपलब्धता पर निर्भर करता है। मंगलवार को एसएम देव सिविल अस्पताल में 50 बिस्तरों वाले नए क्रिटिकल केयर यूनिट के शिलान्यास समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि घाटी के तीनों जिलों के उपायुक्तों को औद्योगिक उपक्रमों के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान करने का काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि अब पूरा मामला भूमि की उपलब्धता पर टिका हुआ है। हम भूमि अधिग्रहण से जुड़े किसी विवाद में नहीं उलझना चाहते। हमारा ध्यान इस बात पर है कि हम बराक घाटी के निवेशकों और व्यापारिक घरानों को कितनी भूमि दे सकते हैं। उनकी टिप्पणी विपक्ष, विशेष रूप से अखिल भारतीय शिखर सम्मेलन में बराक घाटी की व्यापार क्षमता को उजागर करने में विफल रहने के लिए सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया कि लगभग 5 लाख करोड़ रुपए के निवेश की प्रतिबद्धता हासिल करने के बावजूद, दक्षिण पूर्व एशिया के साथ व्यापार के लिए इस क्षेत्र के रणनीतिक महत्व को नजरअंदाज कर दिया गया। इससे पहले, सिलचर में रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने बराक घाटी के लिए विकास पहलों की एक श्रृंखला की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने सेवाश्रम के लिए 9 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता की घोषणा की, जिसमें इसके परिसर में बनने वाले अस्पताल के लिए 5 करोड़ रुपए शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सिलचर के बाहरी इलाके में जिला आयुक्त के आगामी एकीकृत कार्यालय के समीप 23.75 करोड़ की लागत से एक नए क्रिटिकल केयर यूनिट और 26 करोड़ की लागत से एक सर्किट हाउस के निर्माण की भी पुष्टि की। शर्मा ने कहा कि जब ये प्रशासनिक कार्यालय नगर निगम की सीमा से बाहर स्थानांतरित हो जाएंगे, तो शहर में यातायात की भीड़भाड़ में काफी कमी आने की उम्मीद है। उन्होंने सिविल अस्पताल में 200 बिस्तरों वाली नई सुविधा की योजना का खुलासा किया और आश्वासन दिया कि लंबे समय से प्रतीक्षित सिलचर फ्लाईओवर का प्रारंभिक कार्य अपने अंतिम चरण में है, तथा इसके कार्यान्वयन में स्थानीय सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
