
कछार (हि.स.) । असम में बंगाली और असमिया भाषाभाषी समुदायों के बीच रही प्रतिस्पर्धा अब परस्पर सम्मान में बदल गई है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने इसका श्रेय बुनियादी ढांचे के विकास और दोनों भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने को दिया है। मंगलवार को सिलचर में देशभक्त तरुण राम फूकन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कई कारणों से असम में बंगाली और असमिया भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा थी । लेकिन हाल के वर्षों में यह प्रतिस्पर्धा समाप्त होकर आपसी सम्मान में बदल गई है, जिससे दोनों समुदाय अपनी-अपनी भाषाओं का सहजता से उपयोग कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने शिखर सम्मेलन में बराक घाटी की व्यापार क्षमता को उजागर करने में विफल रहने के लिए सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया कि लगभग 5 लाख करोड़ रुपए के निवेश की प्रतिबद्धता हासिल करने के बावजूद, दक्षिण पूर्व एशिया के साथ व्यापार के लिए इस क्षेत्र के रणनीतिक महत्व को नजरअंदाज कर दिया गया। इससे पहले, सिलचर में रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने बराक घाटी के लिए विकास पहलों की एक श्रृंखला की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने सेवाश्रम के लिए 9 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता की घोषणा की, जिसमें इसके परिसर में बनने वाले अस्पताल के लिए 5 करोड़ रुपए शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सिलचर के बाहरी इलाके में जिला आयुक्त के आगामी एकीकृत कार्यालय के समीप 23.75 करोड़ की लागत से एक नए क्रिटिकल केयर यूनिट और 26 करोड़ की लागत से एक सर्किट हाउस के निर्माण की भी पुष्टि की। शर्मा ने कहा कि जब ये प्रशासनिक कार्यालय नगर निगम की सीमा से बाहर स्थानांतरित हो जाएंगे, तो शहर में यातायात की भीड़भाड़ में काफी कमी आने की उम्मीद है। उन्होंने सिविल अस्पताल में 200 बिस्तरों वाली नई सुविधा की योजना का खुलासा किया और आश्वासन दिया कि लंबे समय से प्रतीक्षित सिलचर फ्लाईओवर का प्रारंभिक कार्य अपने अंतिम चरण में है, तथा इसके कार्यान्वयन में स्थानीय सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
