फूलों की खेती बुंदेलखंड में किसानों ने पहली बार शुरू की अपराजिता फूलों

हमीरपुर (हिंस)। बुंदेलखंड में पहली बार अपराजिता फूलों की खेती पर किसानों ने दांव लगाया है। कम लागत में मोटा मुनाफा देने वाली अपराजिता फूलों की खेती से आने वाले दिनों में किसानों की तकदीर बदलेगी । इस समय फालतू जमीन पर अपराजिता की बेल पर नीले रंग के फूल खिलने से किसानों के चेहरे में बड़ी मुस्कान देखी जा रही है। बुंदेलखंड में परंपरागत खेतीबाड़ी में लाखों किसानों की माली हालत आज भी बदतर है। हर साल दैवीय आपदा के कारण किसानों की फसलों को बड़ा नुकसान होता है। पिछले साल खरीफ की फसलें ही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि होने से धोखा दे गई थी जबकि रबी की फसल को भी मौसम की मार से तगड़ा झटका लगा था । इसीलिए यहां के किसानों ने परंपरागत खेती के बीच ऐसी खेती की तरफ कदम बढ़ाए है जो कम लागत में कई गुना तक मुनाफा देती है। हमीरपुर, महोबा और आसपास केतमाम इलाकों में इन दिनों किसानों ने अपराजिता के फूलों की खेती पहली मर्तबा शुरू की है। हमीरपुर जिले के गोहांड और राठ क्षेत्र के कई गांवों में किसानों ने अपराजिता के फूलों की खेती पर दांव लगाया है । चिल्ली गांव के रघुवीर सिंह ने बताया कि पहली बार एक बीघे की फालतू जमीन पर अपराजिता के पौधे लगाए गए है। इस समय अपराजिता के फूलों की बेल काफी बड़ी हो गई है। इसमें नीले रंग के खूबसूरत फूल भी खिलने लगे है। बताया कि अगले सीजन में इसकी खेती का दायरा बढ़ाया जाएगा। जिला उद्यान अधिकारी आशीष कटियार ने बताया कि विभाग से अभी इसकी खेती करने वाले किसानों को अनुदान नहीं दिया जा रहा है। बताया कि अपराजिता के फूलों की खेती से किसानों की अतिरिक्त आमदनी बढ़ेगी। हमीरपुर जिले के गोहांड क्षेत्र के चिल्ली गोहानी गांव में बंजर जमीन पर अपराजिता के फूलों की खेती किसानों ने शुरू की है। इसकी खेती करने वाले रघुवीर सिंह समेत अन्य किसानों ने बताया कि ये मेडिसिन पौधा है जिससे आमदनी कई गुना तक होती है । बताया कि अपराजिता फूल के बीज दो हजार रुपए किलो के हिसाब से खरीदा गया है एक बीघे जमीन पर बीज डाले गए थे। अब इसकी बेल खेतों में लगातार तेजी से बढ़ रही है। किसान ऋषि शुक्ला ने बताया कि अपराजिता के फूलों की खेती से किसान मोटा मुनाफा ले सकता है। बताया कि इसकी खेती किसी भी वातावरण में की जा सकती है। गर्मी से लेकर सूखे की स्थिति में भी अपराजिता के फूलों से खेत भर जाते है। किसान रघुवीर सिंह ने बताया कि इसकी खेती में लागत बहुत कम आती है लेकिन इससे तीन गुना तक लाभ मिलता है । इसीलिए किसानों ने इसकी खेती की तरफ रुख किया है। आर्थिक तंगी से झेल रहे किसानों ने अपराजिता के फूलों की खेती से अपनी तकदीर चमकाने में जुट गए है। किसानों ने बताया कि एक एकड़ में अपराजिता के फूलों की खेती से दस क्विंटल तक फूल मिलते है। बाजार में इसके फूल पांच सौ रुपए किलो बिकते है। चाय बनाने वाली कम्पनी किसानों से अपराजिता के फूल खरीदते है। जिला उद्यान अधिकारी आशीष कटियार ने बताया कि किसान अपने खर्चे से इसकी खेती शुरू की है।

फूलों की खेती बुंदेलखंड में किसानों ने पहली बार शुरू की अपराजिता फूलों
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