फिल्मों में मुस्लिम विलेन दिखाया जाना हो गया उबाऊ : अब्बास टायरवाला

फिल्मों में मुस्लिम विलेन दिखाया जाना हो गया उबाऊ : अब्बास टायरवाला
फिल्मों में मुस्लिम विलेन दिखाया जाना हो गया उबाऊ : अब्बास टायरवाला

मुंबई (ईएमएस)। बॉलीवुड के डायलॉग राइटर अब्बास टायरवाला ने कहा कि उन्हें अब फिल्मों में बार-बार मुस्लिम विलेन दिखाया जाना लगने लगा है। अब्बास टायरवाला का मानना है कि अब फिल्म लेखन का दौर पहले से काफी बदल गया है। उन्हें लगता है कि अब हर डायलॉग लिखते समय बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि हर चीज को राजनीतिक नज- रए से देखा जाने लगा है। उन्होंने कहा, हृपहले फिल्में इंडिविजुअलिस्टिक फिल्ममेकर्स बनाते थे। मैंने अपनी सोच के लोगों के साथ काम किया है, लेकिन अब ऐसा वक्त आ गया है कि जब किसी फिल्म का पॉलिटिकल स्टैंड देखकर मुझे घिन आने लगती है। अब एक और मुस्लिम विलेन देखकर बोरियत होने लगी है। यह सिर्फ इसलिए नहीं है क्योंकि मैं खुद हिंदुस्तानी मुसलमान हूं, बल्कि यह रिपीटेशन अब थकाने वाला हो गया है। अब्बास टायरवाला इन दिनों साउथ इंडस्ट्री की बाइलिंगुअल फिल्म हरी हारा वीरा मल्लू पर काम कर रहे हैं, जिसमें पवन कल्याण मुख्य भूमिका में हैं और बॉबी देओल औरंगजेब की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस फिल्म में इतिहास के तथ्यों को दिखाने में मुश्किलें आती हैं। उन्होंने कहा, अगर औरंगजेब को दिखाया जा रहा है, तो उसकी क्रूरता भी दिखाई जाएगी, लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि इतिहास को कितना बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाए। यह मेरे लिए एक चुनौती है। मैं एक इंडियन मुस्लिम और सेक्युलर इंसान होने के नाते चाहता हूं कि पुराने जख्म न कुरेदे जाएं, लेकिन एक लेखक के तौर पर मेरी कोशिश होती है कि सच्चाई के साथ न्याय कर सकूं। अब्बास टायरवाला ने बताया कि अब फिल्म लेखन में बैलेंस बनाना बहुत जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा, पहले ऐसा दौर नहीं था कि हर जगह एक पॉलिटिकल विचारधारा हावी हो, लेकिन अब आपको हर शब्द को तौलना पड़ता है। बड़ी फिल्मों के डायलॉग का क्या असर होगा, इस पर सोचना जरूरी हो गया है। पहले इतनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं होता था, लेकिन अब यह जरूरी हो गया। है |

फिल्मों में मुस्लिम विलेन दिखाया जाना हो गया उबाऊ : अब्बास टायरवाला
फिल्मों में मुस्लिम विलेन दिखाया जाना हो गया उबाऊ : अब्बास टायरवाला