नई दिल्ली (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आआपा) राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार को लेकर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आआपा सरकार को आपदा की संज्ञा देते हुए कहा कि पिछले 10 सालों से राष्ट्रीय राजधानी आपदा से घिरी हुई है। उन्होंने दिल्लीवालों से इसे बदलने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री अशोक विहार में झुग्गी-झोपड़ी वालों के लिए बनवाए गए स्वाभिमान अपार्टमेंट में 1,675 फ्लैट की चाबी लाभार्थियों को सौंपने के बाद रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित कर रहे थे । प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में रिमोट का बटन दबाकर राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों को 4500 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का तोहफा दिया। इसमें जेजे क्लस्टर के निवासियों के लिए 1,675 फ्लैट, स्कूल और कॉलेजों से जुड़े प्रोजेक्ट हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अच्छी तरह जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया ।में शामिल हों। मोहन भागवत ने कहा कि जो कार्यकम आपने देखा, इतनी सारी रचनाएं बजाने वाले सभी संगीत साधक नहीं हैं। सभी अपना-अपना समय निकालकर प्रस्तुति दी है। इतना परिश्रम करके इतना अच्छा वादन कर सकते हैं। कार्यकर्ताओं ने देख-देखकर सीखा। पहले मिलिट्री और पुलिस ही थी, जो वादन करती थी। उनकी धुन सुनकर स्वर लेकर आना, एक धुन लाने में दस-दस दिन लगते थे। उन्होंने कहा, संघ के पास धन नहीं था । कहीं भोजन में गई दक्षिणा मिल जाती थी । स्वयंसेवकों को समझ आया कि संगीत विदेशों से लेना पड़ता है। संगीत तो सभी के लिए है । संचलन और व्यायाम के लिए भारतीय तालों के आधार पर वादन शुरू हो गया। इसकी एक प्रेरणा है देशभक्ति । जो दुनिया में सभी के पास है, वो हमारे पास ना हो, ऐसा नहीं होना चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि हम दंड सीखते हैं, वो प्रदर्शन के लिए नहीं सीखते । न ही झगड़े के लिए सीखते हैं। लाठी चलाने वालों को वीरगति प्राप्त होती है क्योंकि वो डरता नहीं। सभी में एक होने के लिए व्यक्ति अपने आप को संयमित करता है और सभी के साथ चलता है। सामने एक प्रमुख है, उसके हाथ में एक डंडा है, सब कुछ एक अनुशासन में है । भारतीय संगीत का आधार है सुर और ताल का मिलन। रंजक नादों को स्वर कहते हैं । संगीत समन्वय सिखाता है। संगीत एक साथ चलना सिखाता है।