गुवाहाटी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने असम पोंजी घोटाला मामलों में से एक में आरोपी व्यक्तियों चबीन बर्मन, दीपाली तालुकदार बर्मन और मुकेश अग्रवाल के खिलाफ गुवाहाटी में विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष एक पूरक आरोप पत्र दायर किया, सीबीआई ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा । प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इन तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर आरोपपत्र दायर किया गया, जो इस मामले के सिलसिले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। पहले से ही आरोप पत्र में आरोपी मोनालिसा दास के खिलाफ अतिरिक्त सबूत भी शामिल किए गए हैं। सीबीआई ने आगे कहा कि असम सरकार द्वारा जांच अपने हाथ में लेने के अनुरोध के बाद यह मामला 14 अक्तूबर को दर्ज किया गया था। इस मामले को मूल रूप से असम पुलिस ने इस वर्ष 21 अगस्त को दर्ज किया था। यह मामला दीपांकर बर्मन की स्वामित्व वाली डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी, उसकी करीबी सहयोगी मोनालिशा दास और संगठन के सात-आठ कर्मचारियों के खिलाफ था । आरोप है कि आरोपियों ने कई ग्राहकों से गारंटीड रिटर्न का वादा करके पैसे ऐंठे थे और सबूत के तौर पर 100 रुपए के स्टांप पेपर दिए थे। हालांकि, यह पता चला कि पिछले तीन महीनों में भुगतान अनियमित थे और कई ग्राहकों को उनका रिटर्न नहीं मिला। शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि उसने एक करोड़ रुपए का निवेश किया तथा कई हजार ग्राहकों ने सामूहिक रूप से संगठन में हजारों करोड़ रुपए का निवेश किया, लेकिन आरोपी निवेश की गई राशि लेकर भाग गए। सीबीआई के अनुसार, जांच से पता चला कि डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी उच्च निश्चित रिटर्न का वादा करके जनता से जमा स्वीकार कर रही थी। मालिकाना हक और उसके प्रमुख कर्मचारी पांच अनियमित जमा योजनाएं चला रहे थे, जो उच्च रिटर्न की पेशकश कर रही थीं। दीपांकर बर्मन के मालिकाना हक ने कथित तौर पर 400 करोड़ रुपए से अधिक की राशि एकत्र की थी।