पूर्व विधायक की हत्या के मामले में राज्य सरकार सख्त एनएससीएन मास्टरमाइंड के खिलाफ नकद इनाम की घोषणा
इटानगर। अरुणाचल में पूर्व विधायक की हत्या मामले में सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। उसने हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड का पता बताने वाले को इनाम देने की घोषणा की है। गौरतलब है, हाल है में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-खापलांग (एनएससीएन- के) के युंग आंग गुट ने अरुणाचल प्रदेश में पूर्व विधायक युमसेन माटे की हत्या की जिम्मेदारी ली। कांग्रेस के पूर्व विधायक माटे की 16 दिसंबर को भारत-म्यांमार सीमा के नजदीक तिरप जिले के राहो गांव में बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तिरप के पुलिस अधीक्षक राहुल गुप्ता शुक्रवार को टोंग्लू अखम हासिक के ठिकाने की जानकारी देने वाले को 2.5 लाख रुपए का नकद इनाम देने का एलान किया। बता दें, संगठन का नगा आर्मी नंबर 130076 का स्वयंभू ब्रिगेडियर कथित तौर पर माटे की जघन्य हत्या में शामिल है। संगठन ने एक बयान जारी कर कहा था कि माटे अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में एनएससीएन रोधी प्रचार के मुख्य कर्ताधर्ता थे । उन्होंने एनएससीएन और गवर्नमेंट ऑफ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ नगालिम (जीपीआरएन) के खिलाफ साजिश रची थी और उन्होंने खुद को विरोधियों का हथियार बना दिया था । एनएससीएम विरोधी गतिविधियों में माटे की सक्रिय भूमिका के लिए उनकी हत्या की गई। बयान में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों से एनएससीएन और जीपीआरएन उनके कुकर्मों को नजरअंदाज करता आ रहा था और नगा लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए अवांछित हालात से बच रहा था। हालांकि लगातार चेतावनियों के बावजूद उन्होंने अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को जारी रखा, जिसकी वजह से उकसावे के कारण एनएससीएन और जीपीआरएन ने यह कदम उठाया। संगठन ने हालांकि कहा कि इस मामले का आगामी अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि एनएससीएन और जीपीआरएन कभी भी राज्य की राजनीति में नहीं हस्तक्षेप नहीं करेंगे। बताया जा रहा कि माटे अपने तीन समर्थकों के साथ किसी काम के लिए गांव गए थे, जहां कोई व्यक्ति पूर्व विधायक को किसी बहाने से जंगल में ले गया और गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। माटे 2009 में कांग्रेस के टिकट पर खोंसा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे । वह 2015 में भाजपा में शामिल हो गए थे और इस साल की शुरुआत में 2024 में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। राजनीति में प्रवेश करने से पहले उन्होंने चांगलांग जिले में एक वयस्क शिक्षा अधिकारी के रूप में काम किया था । 21 दिसंबर को राज्य सरकार ने मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित करने का फैसला किया। इसके बाद राज्य के गृह विभाग ने इस मामले में एनआईए को उचित निर्देश देने के लिए मामले को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया । आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2000 के बाद से राज्य में उग्रवाद से संबंधित 239 मौतों में से 183 तिराप - चांगलांग लोंगडिंग (टीसीएल) क्षेत्र में दर्ज की गई हैं।