पुलिस बर्बरता के आरोपों में युवक की मौत मुख्यमंत्री ने की जांच की घोषणा
गुवाहाटी। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आज घोषणा की कि दीपांकर गोगोई की मौत की अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर की जांच शुरू की जाएगी, जिनके परिवार ने उनकी आत्महत्या को पुलिस यातना का परिणाम बताया है। मुख्यमंत्री शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जोरहाट जिले में दीपांकर गोगोई की मौत की अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर की जांच की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि जांच 30 दिनों की अवधि के भीतर समाप्त कर ली जाएगी। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार 26/12/23 को गारीकुरी ब्रिनसायक गांव, तिताबर के खगेन गोगोई के बेटे दीपांकर गोगोई की मौत की अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर की जांच करेगी । जांच 30 दिन के भीतर समाप्त हो जाएगी। वहीं कल, असम के डीजीपी जीपी सिंह ने युवक की आत्महत्या की जांच के आदेश दिए थे, जब पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस यातना सहन करने में असमर्थ होने के कारण उसने यह कदम उठाया। सोशल मीडिया पर असम के डीजीपी ने कहा कि जोरहाट जिले के तिताबर के दीपांकर गोगोई की मौत की जांच के आदेश दिए गए हैं। जीपी सिंह ने कहा कि मामले की जांच पुलिस महानिरीक्षक पूर्वी रेंज से कराई जाएगी। युवक की पहचान बिरिनासायेक गांव के निवासी दीपांकर गोगोई के रूप में हुई, जिसने यह कदम उठाया और आत्महत्या कर ली। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि हाल ही में पुलिस की प्रताड़ना को सहन नहीं कर पाने के कारण उसने यह कदम उठाया। दीपांकर से कथित तौर पर अल्फा-इंडिपेंडेंट लिंकमैन होने के संदेह में पूछताछ की गई थी, और 14 दिसंबर को लिचुबाड़ी सैन्य अड्डे के बाहर हुए ग्रेनेड विस्फोट की घटना के संबंध में पूछताछ की जा रही थी । दीपांकर को चार दिनों के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था, जहां उसे कथित तौर पर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। उनका शव उनके घर के पीछे एक पेड़ से लटका हुआ मिला। उनकी मौत के बाद मृतक के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि दीपांकर ने पुलिस की प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण यह कदम उठाया ।