नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 13 हजार करोड़ रुपए के ऋण धोखाधड़ी मामले में फरार मेहुल चोकसी के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत 2,500 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ईडी ने जानकारी देते हुए बताया कि मुंबई स्थित विशेष पीएमएलए कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में संपत्तियों को सही मालिकों को वापस करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ईडी ने बताया कि 125 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियां, जो गीतांजलि जेम्स लिमिटेड से संबंधित हैं, अब उसके परिसमापक को सौंप दी गई हैं। इनमें सांताक्रूज स्थित खेनी टॉवर के छह फ्लैट और एसईईपीजेड में स्थित दो कारखाने और गोदाम शामिल हैं। ईडी ने मेहुल चोकसी के खिलाफ पीएमएलए मामले में 2,565.90 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है और कोर्ट से इन संपत्तियों को बेचने की अनुमति प्राप्त की है। ईडी ने कहा कि उसने प्रभावित बैंकों के साथ मिलकर इन संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 10 सितंबर को कोर्ट ने आदेश दिया था कि ईडी बैंकों और गीतांजलि समूह की कंपनियों के परिसमापकों को कुर्क संपत्तियों का मूल्यांकन और नीलामी कराने में मदद करेगा। इसके बाद नीलामी से प्राप्त होने वाली राशि पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक में सावधि जमा के रूप में जमा की जाएगी। मेहुल चोकसी जो 2018 से भारत से भागकर एंटीगुआ में रह रहा है, उस पर आरोप है कि उसने अपनी कंपनी गीतांजलि जेम्स और कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पीएनबी के खिलाफ धोखाधड़ी की और बिना प्रक्रिया का पालन किए एलओयू जारी करवा लिया। इस मामले में मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ ईडी और सीबीआई ने 2018 में जांच शुरू की थी।