रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा (67) को टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया गया है। यह नियुक्ति टाटा ट्रस्ट्स के नामित सदस्य के रूप में हुई है। यह नियुक्ति टाटा समूह में नई जिम्मेदारियों की श्रृंखला की शुरुआत है। पिछले महीने रतन टाटा के निधन के उपरांत नोएल को टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। नोएल टाटा जो कई अन्य टाटा कंपनियों के बोर्ड का हिस्सा भी हैं, 2011 के बाद पहले ऐसे टाटा परिवार के सदस्य हैं जो टाटा ट्रस्ट्स और टाटा संस दोनों बोर्ड में सक्रिय हैं। टाटा ट्रस्ट्स जिनके पास टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी है, उसमें यह नियुक्ति दीपावली के पहले वर्चुअल मीटिंग में प्रस्ताव पारित किया था। टाटा संस बोर्ड में कुल नौ निदेशक हैं, जिसमें नोएल टाटा सहित तीन टाटा ट्रस्ट्स के प्रतिनिधि शामिल हैं। नोएल टाटा का पेशेवर अनुभव और उनकी प्रभावी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उनकी इस भूमिका में नियुक्ति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वे वर्तमान में टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प, ट्रेंट और वोल्टास में नॉन- एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चेयरमैन के पद पर हैं, साथ ही टाइटन और टाटा स्टील में वाइस चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं। नोएल के नेतृत्व में ट्रेंट की प्रगति उल्लेखनीय रही है। अप्रैल 2014 में उनके चेयरमैन बनने के बाद, कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2014 के 2,333 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त 2024 में 12,375 करोड़ रुपए तक पहुंचा और कंपनी ने घाटे से उबरकर 1,477 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया। वोल्टास के चेयरमैन के रूप में भी उन्होंने प्रभावी कार्य किया, जिससे कंपनी का राजस्व दोगुना होकर वित्त वर्ष 2024 में 12,481 करोड़ रुपए हो गया ।