पंजाब पुलिस के एआईजी पर जबरन वसूली धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार का मामला दर्ज
चंडीगढ़ (हिंस) । पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मानवाधिकार सेल, पंजाब पुलिस के सहायक इंस्पेक्टर जनरल (एआईजी) मालविन्दर सिंह सिद्धू समेत कई लोगों पर जबरन वसूली, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। ब्यूरो के मुताबिक एआईजी सिद्धू के अलावा खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के ड्राइवर मोहाली निवासी कुलदीप सिंह, पटियाला जिला निवासी बलबीर सिंह को अपने पद का दुरुपयोग, सरकारी मुलाजिमों से धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग, जबरन वसूली और रिश्वत लेने के दोष अधीन मामला दर्ज किया गया है। ब्यूरो के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि एआईजी सिद्धू सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायतें देने के बाद ब्लैकमेलिंग और नाजायज लाभ लेकर यह शिकायतें वापस ले लेते थे। उन्होंने बताया कि जांच के आधार यह मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि तफ्तीश के दौरान सामने आया कि मालविन्दर सिंह सिद्धू ने पिछले पांच सालों के दौरान कभी भी विजिलेंस ब्यूरो के पदों पर काम नहीं किया। इसके बावजूद एआईजी ने अपनी सरकारी गाड़ी आरटिगा (पीबी 65 एडी 1905 ) में तेल और अन्य खर्चे करके सरकारी खाते का दुरुपयोग किया। उसने कभी भी इस वाहन का लॉग बुक रिकार्ड नहीं रखा, जो सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग है। इसके अलावा जांच में पर्दाफाश हुआ कि एआईजी सिद्धू ने ब्लाक प्राइमरी शिक्ष अफसर, राजपुरा के दफ्तर में डाटा ऑपरेटर को खुद को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो का आईजी बताया। सिद्धू ने इसी फर्जी पहचान का प्रयोग करते हुए एक सरकारी अध्यापक की सर्विस बुक की फोटो कापी हासिल की और अपने मोबाइल फोन के साथ उसके शुरुआती पन्नों की फोटो खींच ली। इसी तरह सिद्धू ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल घनौर के प्रिंसिपल को स्कूल की ई-मेल आईडी पर अर्जी भेजकर स्कूल के एक अध्यापक का रिकार्ड प्राप्त किया। स्कूल से लिए गए इन अध्यापकों के रिकार्ड की पड़ताल करने के लिए वह जिला सामाजिक कल्याण अधिकारी को साथ लेकर स्कूल पहुंचा और प्रिंसिपल से दो पन्नों के प्रोफार्मे पर दस्तखत करवाने की कोशिश की, परंतु प्रिंसिपल ने इस पर दस्तखत करने से इन्कार कर दिया।