भीलवाड़ा (हिंस) । वनवासी कल्याण परिषद जिला शाखा शाहपुरा की ओर से रविवार को आदर्श विद्या मंदिर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें शाहपुरा के प्रबुद्ध लोगों ने भाग लिया। संगोष्ठी का आयोजन प्रदेश नगरीय कार्य प्रमुख रामप्रकाश अग्रवाल भीलवाड़ा की अध्यक्षता में किया गया। भीलवाड़ा जिला वनवासी अध्यक्ष दिवाकर जावा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संयोजक सत्यप्रकाश काबरा के सानिध्य में आयोजित बैठक के दौरान वनवासी लोगों के धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदमों के बारे में चर्चा की गई तथा आवश्यक सुझाव दिए गए। वक्ताओं ने सनातन धर्म को बचाने के लिए समाज में विशेष जागृति लाने के लिए प्रेरित किया। संगोष्ठी के दौरान अगले सप्ताह में दोबारा बैठक आयोजित कर वनवासी कल्याण परिषद की शाहपुरा शाखा का औपचारिक गठन कर कार्यकारिणी गठित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा प्रमुख रूप से बप्पा रावल सदस्यता अभियान, वन मित्र अभियान, और संगठन के प्रकल्पों और क्षेत्र में गतिविधि को बढ़ाने को लेकर चर्चा की गई। मुख्य वक्ता प्रदेश नगरीय कार्य प्रमुख रामप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में वनवासी कल्याण परिषद की सक्रियता से ईसाई मिशनरीज का काम धीमा पड़ा है पर उनके द्वारा किए जाने वाले धर्मांतरण को पूर्ण रूप से रोकना जरूरी है । परिषद इस कार्य को विस्तारित करते हुए शहरी क्षेत्रों में परिषद का गठन कर वहां के लोगों के सहयोग से वनवासी क्षेत्रों में अपना कार्य विस्तार करने की योजना पर काम कर रहे है। सभी के सहयोग से सफलता मिलेगी। वनवासियों में धर्मांतरण, धर्म की हानि को रोकने के साथ उनमें आत्मविश्वास कायम कर राष्ट्र की मुख्य धारा में लाना ही परिषद का ध्येय है। अग्रवाल ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम अखिल भारतीय स्तर पर जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास में 1952 से लगा हुआ है। इसके लिए माध्यम शिक्षा, चिकित्सा, श्रद्धा जागरण, खेल केंद्र, छात्रावास, सिलाई केंद्र, बाल संस्कार केंद्र आदि कार्य कर रहे है । वनवासी कल्याण परिषद की स्थापना 1952 में जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास के लिए की गई । इसमें अनेक प्रकार के आयाम जैसे शिक्षा के क्षेत्र में छात्रावास, खेलकूद, लोककला, हित रक्षा, श्रद्धा जागरण, महिला कार्य आदि गतिविधियां की जाती हैं । अग्रवाल ने परिषद की गति विधियों व जंगलो और पहाड़ों पर रहने वाले हिंदुओं की शिक्षा, चिकित्सा व वनवासी उत्थान पर प्रकाश डाला। उन्होंने विस्तार से 12 करोड़ हिंदू वनवासियो सामाजिक उत्थान व धार्मिक उत्थान कैसे हो, उस पर विस्तार से चर्चा की एवं अब तक परिषद द्वारा किए गए उनके विकास की पूर्ण जान कारी का वर्णन प्रस्तुत किया । अग्रवाल ने सनातन से वंचित सारे वनवासियो को धर्म परिवर्तन से कैसे रोका जावे, उसके लिए हम सभी सनातनियों को उनके लिए किसी न किसी रूप मे सहयोग किया जाना हमारे फर्ज को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म का बहुत बड़ा हिस्सा आज भी सारी सुख सुविधाओ से वंचित है, जिस के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए। अग्रवाल ने कहा कि समाज के युवाओं को आगे आना चाहिए । जल, जंगल व जमीन से आत्मीयता रखने वाले वनवासियों की आवाज बने। यह संगठन जनजातियों के हितों का संरक्षण सांस्कृतिक उन्नायन व स्वावलंबी बनाने में निरंतर जुटा हुआ है। बैठक में पवन बांगड़ ने शाहपुरा क्षेत्र में पिछले दो वर्षों से वनवासी कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी। उन्होंने स्वप्रेरणा से परिषद के कार्यों में लोगों से आगे आने का आह्वान किया।