धनराज पिल्ले ने हरमनप्रीत को हॉकी का धोनी कह दिया, इस जीत ने 1998 की याद दिला दी
नई दिल्ली । एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम की सफलता ने महान फॉरवर्ड खिलाड़ी धनराज पिल्लै को 1998 की जीत याद दिला दी और उन्होंने कप्तान हरमनप्रीत सिंह की तारीफ कर उन्हें भारतीय हॉकी का महेंद्र सिंह धोनी करार दिया है। भारत ने हांगझोउ में फाइनल में गत चैम्पियन जापान को 5-1 से हराकर एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और पेरिस ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया। 1998 बैंकाक एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान रहे धनराज ने कहा, मुझे खुशी इस बात की है कि हम पूरी तरह दबदबा बनाकर चारों क्वार्टर में उनसे बेहतर खेले। फाइनल में 5-1 से जीतना आसान नहीं होता। पिछली बार इसी जापान टीम ने हमें हराया था।" चार ओलंपिक, चार विश्व कप, चार एशियाई खेल और चार चैम्पियंस ट्रॉफी खेल चुके 55 वर्ष के इस धुरंधर ने हांगझोउ खेलों में सर्वाधिक 13 गोल करने वाले हरमनप्रीत की तारीफ कर कहा, बहुत हद तक हरमनप्रीत की कप्तानी को भी श्रेय जाता है। वह भारतीय हॉकी का धोनी है। अपना काम करता है और पीछे से गाइड करता रहता है। जज्बात उस पर हावी नहीं होते और दबाव में भी शांत रहता है। उन्होंने कहा, इस टीम श्रीजेश (पीआर), मनप्रीत (सिंह), ललित (उपाध्याय), रोहिदास (अमित) जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा तालमेल बनाया। मुझे फाइनल देखते हुए 1998 याद आ गया। यह जीत इतिहास में लिखी जाएगी। लड़के एकजुट होकर खेल और इतने गोल किये।" धनराज की कप्तानी में 1998 एशियाई खेलों के फाइनल में दक्षिण कोरिया को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया था। कोरिया के बढ़त लेने के बाद निर्धारित समय में धनराज के गोल पर ही भारत ने बराबरी की थी। उन्होंने कहा, 1998 में मेरे पास ऐसी ही मजबूत टीम थी। आशीष बलाल और एबी सुबैया जैसे अनुभवी गोलकीपर थे फुलबैक में लाजरूस बारला, दिलीप टिर्की, डिफेंस में संदीप सोमेश, बलबीर सिंह सैनी, मोहम्मद रियाज थे, तब फारवर्ड लाइन में मुकेश कुमार, मैं समीर दाद, बलजीत ढिल्लों जैसे खिलाड़ी थे। उन्होंने कहा, जब भारतीय टीम कल पोडियम पर स्वर्ण पदक पहने खड़ी थी, तब मैं 25 साल पीछे चला गया। पदक जीतने के बाद मैं सुबैया और बलाल को पकड़कर मैं रो रहा था। धनराज ने कहा, मुझे 19 साल हो गए हॉकी छोड़े लेकिन हॉकी को फॉलो करना नहीं छोड़ा। मैंने बहुत सारे स्टेडियम में तिरंगा हाथ में लेकर मैदान का चक्कर काटा है। तिरंगे को देखते हुए टीम जब राष्ट्रगान गाती है, तब अलग ही माहौल होता है। एक खिलाड़ी ही समझ सकता है कि उस समय खिलाड़ी के मन में क्या चलता है। कई ओलंपिक क्वालीफायर से गुजर चुके धनराज ने कहा कि वह यही दुआ कर रहे थे कि भारतीय टीम हांगझोउ से ही पेरिस का टिकट कटा ले। उन्होंने कहा, " एशियाड के जरिये ओलंपिक क्वालीफाई करने से बहुत राहत मिलती है। क्वालीफाइंग का दबाव इतना रहता है कि तैयारियों पर फोकस नहीं कर पाते। मुझे पुराने ओलंपिक क्वालीफायर याद आ रहे थे और मैं यही प्रार्थना कर रहा था कि हम हांगझोउ से ही क्वालीफाई कर लें। ओलंपिक के लिये टीम को इससे दुगुनी तैयारी की सलाह देकर पिल्ले ने कहा, मैं यही कहूंगा कि अभी तक जो तैयारी आपने की है, उससे दुगुनी तैयारी ओलंपिक के लिए करनी होगी। वहां विश्व चैम्पियन टीमों से आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, जर्मनी जैसी टीमों से खेलना है। उन्होंने कहा इसके अलावा यह भी दबाव, भी रहेगा कि पदक का रंग बदलना है। पिछला कांस्य था तब अब रजत या स्वर्ण जीतने का दबाव होगा।
रिलायंस कैपिटल के नतीजों पर दिख सकता है असर टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार, आरजीआईसी के ऑडीटर्स को नोटिस में दर्ज राशि को 30 सितंबर के नतीजों में आकस्मिक देनदारी के रूप में दिखाना होगा ।
आरजीआईसी, रिलायंस कैपिटल का हिस्सा है। कंपनी एनसीएलटी के माध्यम से ऋण समाधान प्रक्रिया से गुजर रहा है। रिलायंस कैपिटल की कुल वैल्यू में आरजीआईसी की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है। कब मिला ये नोटिस जानकारी के मुताबिक, आरजीआईसी को 28 सितंबर को 478.84 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। ये नोटिस री-इंश्योरेंस पर कमीशन को लेकर है । जीएसटी के नोटिस जारी करने वाली एजेंसी डीजीजीआई का कहना है कि री- इंश्योरेंस पर कमाया गया कमीशन कंपनी की आय का हिस्सा है। इस कारण कंपनी को इस पर जीएसटी देना होगा ।
ऐसा 359.70 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस को - इंश्योरेंस को लेकर मिला है। तीसरा नोटिस आईटीसी को लेकर है । यह करीब 78.66 करोड़ रुपये का है। चौथा नोटिस जीएसटी के नॉन पेमेंट को लेकर है जो कि करीब 5.38 करोड़ रुपये का है।