गुवाहाटी (हि.स.) । असम के पहाड़ी जिलों में से एक डिमा हसाओ के औद्योगिक शहर उमरांग्शु से लगभग 25 किमी दूर असम- मेघालय सीमा पर आज एक भयावह कोयला खदान हादसा हुआ है। जमीन से 300 फीट गहरी कोयला खदान में काम कर 10 से 15 श्रमिक अचानक पानी भर जाने से अंदर फंस गए हैं। बताया गया है कि खदान में लगभग 100 फुट पानी भर गया है। स्थानीय लोगों, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए एक अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने हादसे पर चिंता जताते हुए खदान में फंसे मजदूरों के बचाव कार्य में हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने | पहले ही बचाव अभियान में सेना की मदद मांगी है। मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा कि खदान में फंसे लोगों की सही संख्या और स्थिति अभी भी अज्ञात है। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और मेरे सहयोगी (मंत्री) कौशिक राय घटनास्थल की ओर रवाना हुए हैं। ईश्वर से सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। यह घटना सोमवार सुबह लगभग 9 बजे डिमा हसाओ जिले के अंतर्गत असम- मेघालय अंतर्राज्यीय सीमा पर उमरांग्शु पुलिस स्टेशन से लगभग 25 किमी सुदूर 3 किलो क्षेत्र में लगभग 300 फीट गहरी कोयला खदान में हुई । अचानक खदान में पानी भर जाने से 10 से 15 मजदूर फंस गए। वे किसी भी हालत में बाहर नहीं निकल सकते। जहां तक ज्ञात है, खाई में कम से कम 100 फीट पानी भरा हुआ है। अंतिम सूचना मिलने तक कोयला खदान के अंदर फंसे मजदूरों को बचाया नहीं जा सका था। ऐसे में खदान के अंदर फंसे मजदूरों की हालत क्या है, ये सवाल चिंता पैदा कर रहा है। हालांकि, कुछ उच्च शक्ति वाले पंपों की मदद से खदान से पानी निकालने का प्रयास किया जा रहा है। बचावकर्मी कठिनाइयों के बावजूद भारी जोखिम उठाते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। मालूम हो कि बचावकर्मियों ने पंपों की मदद से पानी का स्तर कम किया । बपानी भरे खदान के ढहने का भी खतरा है। यह बचाव दल के लिए सीमित और खतरनाक है। फिर भी वे फंसे हुए खदान मजदूरों तक पहुंचने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। घटना के संबंध में डिमा हसावा के पुलिस अधीक्षक मयंक कुमार झा ने कहा, उमरांग्शु में एक कोयला खदान में कई मजदूर गंभीर रूप से फंसे हुए हैं। फिलहाल हम फंसे हुए लोगों की सही संख्या की पुष्टि करने में असमर्थ हैं। हालांकि, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ अपने पूरे प्रयास से खदान के अंदर फंसे लोगों को बचाने का काम जारी रखे हुए हैं। इस बीच, पहले से फंसे खदान श्रमिकों के चिंतित परिवार के सदस्य घटनास्थल पर एकत्र हो गए हैं। वे अपने प्रियजनों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने दुर्घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन को बचाव दल और प्रभावित परिवारों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। अचानक पानी आने का कारण जानने और खाई में कोई सुरक्षा चूक थी या नहीं, इसका पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि भारी बारिश के कारण इलाके में पानी घुस गया होगा ।