गुवाहाटी। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) की असम राज्य समिति ने हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल शिक्षकों के लिए आगामी टीईटी-सह-भर्ती परीक्षा के पाठ्यक्रम में अचानक बदलाव करने के राज्य शिक्षा विभाग के कदम की कड़ी निंदा की है। डीवाईएफआई ने इसे मनमाना और गैर-जिम्मेदाराना कृत्य बताया जो शिक्षित युवाओं के जीवन से खिलवाड़ करता है। डीवाईएफआई के अनुसार, नए पाठ्यक्रम में शिक्षण कार्य से संबंधित विषय विशिष्ट ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय गणित, सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स जैसे विषय शामिल हैं। संगठन ने इस बदलाव की आलोचना करते हुए कहा कि यह विशिष्ट विषयों को पढ़ाने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता और अनुभव को कमजोर करता है। विवाद को और बढ़ाते हुए, पाठ्यक्रम में यह परिवर्तन ऐसे समय किया गया है जब परीक्षा में एक महीने से भी कम समय बचा है, जिससे अभ्यर्थियों के पास नए शुरू किए गए विषयों की तैयारी के लिए बहुत कम समय बचा है। डीवाईएफआई ने दावा किया कि इस कदम से अभ्यर्थियों को अनावश्यक मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ेगा, जिनमें से कई अभ्यर्थी पहले के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर महीनों से तैयारी कर रहे थे। डीवाईएफआई ने आरोप लगाया कि इससे साबित होता है कि सरकार और शिक्षा विभाग सक्षम और जानकार शिक्षकों की भर्ती को प्राथमिकता देने की बजाय निहित स्वार्थों को पूरा करने में अधिक रुचि रखते हैं। संगठन ने आगे आरोप लगाया कि इस तरह के मनमाने फैसले शिक्षा विभाग के भीतर नियमों और प्रक्रियाओं की अवहेलना को उजागर करते हैं, जिससे भर्ती प्रक्रिया में बौद्धिक और विषय विशेष योग्यता को दिए जाने वाले महत्व पर संदेह होता है। डीवाईएफआई ने नए पाठ्यक्रम को तत्काल वापस लेने की मांग की है और सरकार से भर्ती परीक्षाओं को निष्पक्ष और तनाव मुक्त तरीके से आयोजित करने का आग्रह किया है, जिसमें विषय विशेषज्ञता पर ध्यान केंद्रित किया गया है।