डिमा हसाउ (हि.स.)। राज्य के पहाड़ी जिला के युद्धविराम करने वाले प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) ने सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर जंगल में लौटने की धमकी दी है। उन्होंने जिला मुख्यालय हाफलोंग के हरंगाजाओ में अपने निर्धारित कैंप के पास मीडिया से बातचीत करते हुए बुधवार को यह ऐलान किया। स्वयंभू डिप्टी सी-इन-सी ने कहा कि वे असम और भारत सरकार के आह्वान के जवाब में संघर्ष विराम पर आए हैं। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी लेकिन अब डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें खाने का सामान भी ठीक से नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उपस्थित कार्यकर्ताओं में से आधे को ही भोजन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब दस कैडर होते हैं तो भोजन पांच कैडरों का ही दिया जाता है। इसलिए उन्होंने सरकार द्वारा उनकी मांगें नहीं माने जाने पर वापस जंगल जाने की धमकी दी।