डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक का दावा

भारत में गर्मी से होने वाली मौतों की संख्या वास्तविकता से कम

डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक का दावा भारत में गर्मी से होने वाली मौतों की संख्या वास्तविकता से कम
डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक का दावा भारत में गर्मी से होने वाली मौतों की संख्या वास्तविकता से कम

नई दिल्ली। भारत में पुख्ता आंकड़ों की कमी के कारण गर्मी से होने वाली कम मौतें दर्ज हो रही हैं। हालांकि, अब सरकार गर्मी के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का अध्ययन करने के तरीकों में सुधार पर जोर दे रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार सौम्या स्वामीनाथन ने यह दावा किया है। टीईआरआई की विश्व सतत विकास सम्मेलन से इतर बाचतीत में सौम्या ने गर्मियों से पहले उसके दुष्प्रभावों की ट्रैकिंग की व्यवस्था में सुधार की बात कही। उन्होंने समय रहते तैयारी और नीतिगत हस्तक्षेप में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। यह पूछे जानें पर कि क्या भारत में गर्मी से होने वाले मौतों की गिनती कम हो रही है, अखिल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) की पूर्व महानिदेशक ने कहा कि ऐसा होने की आशंका बहुत ज्यादा है। हमारे पास असल में मौतों के पुख्ता आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए हमें अनुमानों पर निर्भर रहना पड़ता है। गर्मी का स्वास्थ्य व्यवस्था पर क्या दुष्प्रभाव पड़ रहा है, इसे जानने के लिए हमें थोड़ी गणना करनी होगी मॉडल तैयार करने होंगे। सौम्या ने आगे कहा कि हाल में कुछ शोध सामने आए हैं, जिनमें मौतों की संख्या अधिक है। सौम्या के अनुसार, जब आप पूरे वर्ष को देखेंगे तो पाएंगे कि हर महीने मौतों की संख्या सामान्य रूप से एक समान होगी । लेकिन फिर अगर आप अचानक वृद्धि देखते हैं, जैसा कि कोविड के दौरान हमने वृद्धि देखी थी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार आप हर महीने अपनी मृत्यु दर को स्थिर रखते हुए आगे बढ़ रहे हैं और फिर अचानक मई-जून में इसमें वृद्धि देखते हैं। तब आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि अतिरिक्त मौतें संभवतः गर्मी के कारण हुईं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पिछले वर्ष गर्मियों में भारत में भीषण गर्मी पड़ी थी, तथा 536 दिन तक लू चली थी, जो 14 वर्षों में सबसे अधिक थी।

डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक का दावा भारत में गर्मी से होने वाली मौतों की संख्या वास्तविकता से कम
डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक का दावा भारत में गर्मी से होने वाली मौतों की संख्या वास्तविकता से कम