नई दिल्ली। कोरोना महामारी से उभरी दुनिया के लिए अफ्रीका से चिंताजनक खबर सामने आई है। कांगो में एक अज्ञात संक्रमण से अब तक 79 लोगों की मौत हो चुकी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी टीमों को प्रभावित क्षेत्र में भेज दिया है। कांगो और डब्ल्यूएचओ की संयुक्त टीमें इस रहस्यमय संक्रमण के कारणों और प्रकृति को समझने में जुटी हुई हैं। यह संक्रमण अक्तूबर में कांगो के पांजी क्षेत्र में पहली बार सामने आया। अब तक 376 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें 5 साल से कम उम्र के 200 बच्चे शामिल हैं। संक्रमण के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और गंभीर एनीमिया शामिल हैं। अफ्रीका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के निदेशक जीन कासिया ने बताया कि बीमारी की पहचान और जांच में करीब पांच से छह सप्ताह की देरी हुई। हालांकि अब परीक्षण तेज कर दिए गए हैं, और जल्द ही संक्रमण की प्रकृति और फैलाव के तरीकों का पता लगने की उम्मीद है। नेशनल पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट के महानिदेशक डायडोने मुंबा ने संदेह जताया है कि यह बीमारी हवा के जरिए फैल रही हो सकती है। फिलहाल मरीजों के नमूनों की गहन जांच की जा रही है। महामारी के प्रकोप को देखते हुए वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई है। इस साल की शुरुआत में भी अफ्रीका में एमपॉक्स वायरस का प्रकोप देखने को मिला था, जिसे डब्ल्यूएचओ ने बाद में नियंत्रित कर लिया। लेकिन नए संक्रमण ने फिर से दुनिया को सतर्क कर दिया है। अफ्रीका में इस नए संक्रमण के मद्देनजर हांगकांग ने जोहान्सबर्ग और अदीस अबाबा से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग को बढ़ा दिया है। जापान के विदेश मंत्रालय ने भी अपने नागरिकों को इन क्षेत्रों की यात्रा न करने की सलाह दी है। कोविड- 19 महामारी के प्रभाव से उबर रही दुनिया के लिए यह संक्रमण एक और चुनौती बन सकता है। संक्रमण को नियंत्रित करने और इसके कारणों का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ और वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों की त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण होगी।