टाटा-पावर ने बीकानेर ट्रांसमिशन रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट का किया अधिग्रहण
कंपनी ने पीएफसी कंसल्टिंग से इसे खरीदने के लिए 1,544 करोड़ में बिडिंग जीती
नई दिल्ली।
टाटा पावर लिमिटेड ने बीकानेर ट्रांसमिशन रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट का अधिग्रहण कर लिया है। कंपनी ने बताया कि उसने करीब 1,544 करोड़ रुपए में बीकानेर-नीमराना ट्रांसमिशन रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट के अधिग्रहण की बिडिंग यानी बोली जीती है।
यह एनर्जी प्रोजेक्ट पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी कंपनी पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड द्वारा स्थापित एक स्पेशल परपज व्हीकल है। एसपीवी को स्पेशल परपज एंटिटी भी कहा जाता है। यह पेरेंट कंपनी द्वारा अपने फाइनेंशियल रिस्क को अलग करने के लिए बनाई गई सब्सिडियरी कंपनी होती है ।
टाटा पावर ने इस प्रोजेक्ट को लेकर क्या कहा…
टाटा पावर ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि प्रोजेक्ट में बीकानेर पूलिंग स्टेशन से नीमराना सबस्टेशन तक 340 किलोमीटर के ट्रांसमिशन कॉरिडोर की स्थापना शामिल है। बिल्ड-ऑन-ऑपरेट- ट्रांसफर आधार पर शुरू किया जाने वाला यह ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट है। इसके तहत
राजस्थान के बीकानेर कॉम्प्लेक्सेस से 7.7 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी का प्रोडक्शन किया जाएगा।
35 साल तक प्रोजेक्ट का मेंटेनेंस करेगी टाटा पावर…
टाटा पावर 35 साल तक ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट का मेंटेनेंस करेगी। एसपीवी ट्रांसफर डेट से 24 महीने के भीतर प्रोजेक्ट के शुरू होने की उम्मीद है। कंपनी ने यह भी कहा कि सफल शुरुआत पर यह प्रोजेक्ट 2022 में मिनिस्ट्री ऑफ पावर के रोडमैप में एक अहम कंपोनेंट के रूप में काम करेगा। इस रोडमैप का टारगेट 2030 तक 500 गीगावाट से ज्यादा रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी को नेशनल ग्रिड में इंटीग्रेट करना है।
हाल ही में कंपनी की सब्सिडियरी कंपनी टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के साथ 200 मेगावाट का फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट डेवलप करने का काम सौंपा गया था। प्लांट को हाइब्रिड कॉन्फिगरेशन के साथ सावधानी से डिजाइन किया गया है, जिसमें सोलर विंड और बैटरी स्टोरेज कंपोनेंट शामिल हैं।