जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने गुवाहाटी में वक्फ बैठक की अध्यक्षता की

गुवाहाटी। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति विधेयक की जांच के लिए 9 नवंबर से 14 नवंबर तक गुवाहाटी, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना और लखनऊ जैसे पांच शहरों का दौरा कर रही है । इस कड़ी में आज पहले दिन गुवाहाटी में संयुक्त संसदीय समिति की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक की अध्यक्षता संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष की अध्यक्षता में की गई है। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि असम सरकार, राज्य वक्फ बोर्ड, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, उच्च न्यायालय के वकील और अन्य हितधारक आज गुवाहाटी में चर्चा में हुए । उन्होंने कहा कि हम असम राज्य सरकार, यहां के वक्फ बोर्ड, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, उच्च न्यायालय के वकीलों और हितधारकों के प्रतिनिधियों से बात करेंगे। आज हम अपने संशोधन विधेयक के बारे में पूर्वोत्तर के अधिकारियों, बोडों और हितधारकों के साथ विस्तार से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने खुद स्पीकर से इस विधेयक को जेपीसी को भेजने का अनुरोध किया है। इससे साफ है कि सरकार चाहती है कि इस पर ज्यादा से ज्यादा चर्चा हो… पिछले दो महीने से विपक्षी सांसद और सभी पक्ष लगातार दौरे कर रहे हैं। जब भी जेपीसी होती है, तो इसका गठन संसद के स्पीकर की तरफ से किया जाता है । यह कोई सरकारी समिति नहीं है और जब संसद ने सभी दलों के सांसदों को यह मौका दिया, तो यह हमारा मंच है। जेपीसी समिति की तरफ से 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते के अंत तक विधेयक पर अपनी रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने की उम्मीद है। जेपीसी के प्रयास वक्फ अधिनियम में सुधार और वक्फ संपत्तियों का समुदाय के व्यापक हित में उपयोग सुनिश्चित करने की एक बड़ी राष्ट्रीय पहल का हिस्सा हैं। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने इस साल 22 अगस्त से अब तक 25 बैठकें की हैं। जेपीसी ने छह मंत्रालयों के काम की समीक्षा की और 123 हितधारकों की बात सुनी, जिनमें छह राज्यों, आठ वक्फ बोर्डों और चार अल्पसंख्यक आयोगों के प्रतिनिधि शामिल थे। वहीं इस दौरान जगदंबिका पाल ने कहा कि मैंने 22 अगस्त को पहली बैठक की थी। तब से अब तक 25 बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों के दौरान, हमने छह मंत्रालयों की जांच की और इस्लामी और अल्पसंख्यक संगठनों समेत 37 हितधारकों से बात की। लगभग 123 हितधारक समिति के समक्ष उपस्थित हुए। उनमें से तीन सांसद, तीन विधायक, एमएलसी और गुजरात से एक राज्य मंत्री थे। इसके अलावा, छह राज्यों, आठ वक्फ बोर्डों और चार अल्पसंख्यक आयोगों के प्रतिनिधि भी उपस्थित हुए। वक्फ अधिनियम 1995, मूल रूप से वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन इसे कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के मुद्दों पर लंबे समय से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, जिसे इस अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, का उद्देश्य व्यापक सुधार लाना, डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र लाना है।

जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने गुवाहाटी में वक्फ बैठक की अध्यक्षता की
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