इसी साल जुलाई में देश का कोयला आयात 40.56 प्रतिशत बढ़कर 2.52 करोड़ टन रहा है। पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में कोयला आयात 1.79 करोड़ टन रहा था। बी2बी ई-कॉमर्स मंच एमजंक्शन सर्विसेज द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। चालू वित्त वर्ष के पहले अप्रैल- जुलाई में कोयला आयात बढ़कर 10.04 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 8.91 करोड़ टन था। एमजंक्शन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले महीने त्योहारी सीजन से पहले आने वाले हफ्तों में आयात मांग में तेजी आने की संभावना है। समुद्री मार्ग से ढुलाई दरों में नरमी के बीच गैर-कोकिंग कोयले के आयात में तेजी देखने को मिल रही है। हालांकि, इस्पात मिलों की कमजोर मांग के कारण कोकिंग कोयले की मात्रा में कमी आई है। जुलाई में कुल आयात में गैर- कोकिंग कोयले का हिस्सा 1.65 करोड़ टन रहा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह आंकड़ा 1.01 करोड़ टन था। कोकिंग कोयले का आयात 48.1 लाख टन रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष जुलाई में यह 50.3 लाख टन था। अप्रैल-जुलाई की अवधि के दौरान गैर- कोकिंग कोयले का आयात एक साल पहले के 5.66 करोड़ टन की तुलना में बढ़कर 6.56 करोड़ टन पर पहुंच गया। वहीं कोकिंग कोयले के आयात में 2.02 करोड़ टन के मुकाबले मामूली बढ़त देखने को मिली। कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी पूर्व में कहा था कि भारत को जीवाश्म ईंधन का घरेलू उत्पादन बढ़ाना चाहिए और कोयले का आयात कम करना चाहिए। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का कोयला आयात 7.7 प्रतिशत बढ़कर 26.82 करोड़ टन रहा था।