जल्द कैंसर, हर्ट और डायबिटीज की दवाइयां होंगी महंगी

जल्द कैंसर, हर्ट और डायबिटीज की दवाइयां होंगी महंगी
जल्द कैंसर, हर्ट और डायबिटीज की दवाइयां होंगी महंगी

नई दिल्ली। सरकार दवाइयों की कीमतों को काबू में रखने के लिए कई कदम उठाती रहती है। समय समय पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की बदौलत ही लोगों को कम कीमत पर दवाईयां उपलब्ध हो पाती है। वहीं अब सरकार ने कई दवाओं की कीमतों की सीमित रखने के लिए प्राइस कंट्रोल लिस्ट में डाला है। इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार का दावा है कि इस कदम से सालाना तौर पर मरीजों की लगभग 3,788 करोड़ रुपए की बचत होती है। हालांकि सरकार अब ऐसा फैसला लेने जा रही है जिससे मरीजों की परेशानी थोड़ी बढ़ सकती है। सरकार के नियंत्रण वाली कुछ दवाइयों की कीमत में इजाफा हो सकता है। कैंसर, डायबिटीज, दिल की बीमारियों और एंटीबायोटिक दवाओं की कीमत में इजाफा किया जा सकता है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ये दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक दवाओं की कीमत 1.7 फीसदी तक बढ़ सकती है। बता दें कि जो संस्था दवाईयों की कीमत तय करती है वो नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी है। अगर दवाईयों की कीमत में बढ़ोतरी होती है तो इससे मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है जबकि दवा कंपनियों को फायदा होगा। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स के महासचिव राजीव सिंघल ने नवभारत टाइम्स को बताया कि सरकार के इस कदम का फायदा दवा कंपनियों को होगा। इन दिनों बाजार में कच्चे माल व अन्य खर्चों की लागत बढ़ रही है। दवाईयों की नई कीमत से बाजार में कुछ महीनों के बाद प्रभाव देखने को मिल सकता है। बाजार में दवाओं का लगभग 90 दिनों का स्टॉक उपलब्ध होता है, जिसक वजह से दवाएं अभी पुराने रेट पर मिलेंगी मगर आने वाले समय में इनकी कीमत बढ़ जाएगी। रसायन और उर्वरक पर संसद की स्थायी समिति की एक स्टडी में सामने आया कि दवा कंपनियां दवाओं की कीमत बढ़ाकर नियमों का उल्लंघन कर रही है। सरकार ने जितना दाम बढ़ाने की अनुमति दी थी कंपनियों ने उससे अधिक दाम बढ़ाए है। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी की मानें तो दवा कंपनियों द्वारा उल्लंघन के 307 मामले सामने आए है।

जल्द कैंसर, हर्ट और डायबिटीज की दवाइयां होंगी महंगी
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