
गुवाहाटी। भारत में जर्मनी के राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने आज राजभवन में असम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात की और असम में हेरिटेज पर्यटन से लेकर राज्य में मौजूद निवेश संभावनाओं तक के मुद्दों पर चर्चा की । राज्यपाल श्री आचार्य ने भारत और जर्मनी के बीच दशकों पुराने द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि असम के भू-राजनीतिक महत्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से इसकी निकटता को देखते हुए, राज्य भारत और जर्मनी के बीच संबंधों और अधिक गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जर्मन इंडिया एकेडमिक नेटवर्क फॉर टुमॉरो के माध्यम से आईआईटी खड़गपुर और जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस के बीच मौजूदा सहयोग को देखते हुए, राज्यपाल ने आईआईटी गुवाहाटी के साथ भी इसी तरह के सहयोग की वकालत की। राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि इससे असम और जर्मनी के बीच शैक्षणिक संबंध मजबूत होंगे और संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। हाल ही में गुवाहाटी में संपन्न एडवांटेज असम 2.0 के बारे में बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में विदेशी गणमान्य व्यक्तियों सहित 45,000 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया तथा 5 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिए 300 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। राज्यपाल ने इस विकास का श्रेय पूर्वोत्तर के आर्थिक केंद्र तथा दक्षिण – पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में असम की क्षमता में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दिया। राज्यपाल ने राज्य में तीन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों तथा विशाल चाय पर्यटन का उल्लेख करते हुए आध्यात्मिक तथा वन्य-जीव पर्यटन के लिए असम की क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने असम तथा जर्मनी दोनों के लिए अर्थ जोड़ने तथा पारस्परिक लाभ बढ़ाने के लिए इन स्थानों की खोज करने के लिए जर्मन दूत का ध्यान आकर्षित किया। राजदूत के साथ महावाणिज्य दूत बारबरा वॉस भी थीं।
