जन्मदोष बीमारी है स्पाइना बिफिडा

स्पाइना बिफिडा जन्मदोष है जो तंत्रीकीय नाल की विकृति है। इसमें रीढ़ की हड्डी या मेरु रज्जु में एक दरार युक्त घेरा बना होता है। स्पाइना बिफिडा भ्रूण न्यूरल ट्यूब के अधूरे समापन के कारण होता है। स्पाइना बिफिडा शब्द लैटिन शब्द स्पाइना से बना है जिसका मतलब स्पाइन या रीढ़ होता है। इसी तरह बिफिडा का मतलब दरार होता है। इस लेख में हम लोग स्पाइना बिफिडा के कारण, लक्षण और इसके उपचार के बारे में जानेंगे।

क्या है स्पाइना बिफिडा ?

गर्भाधारण के पहले महीने में भ्रूण प्राथमिक ऊतक में बदलना शुरू होता है जिसे न्यूरल ट्यूब कहते हैं। फिर इसमें नर्व, ऊतक और हड्डियां बनने लगती हैं जो नर्वस सिस्टम और स्पाइन में बदलती है। यहीं से स्पाइना बिफिडा की समस्या शुरू होती है अगर ट्यूब अधूरा बंद होता है जिससे स्पाइन में किसी तरह की दरार बन जाती है।

स्पाइना बिफिडा से जुड़े तथ्य

■ स्पाइना बिफिडा स्पाइनल कॉलम से जुड़ा जन्मदोष है। माइलोमेनिंगोसील एक गंभीर तरह का स्पाइना बिफिडा है।

■ 1,000 में से एक बच्चा माइलोमेनिंगोसील स्पाइना बिफिडा के साथ पैदा होता है।

■ स्पाइना बिफाडा में, स्पाइनल कॉलम संक्रमत होने के लिए काफी असंवेदनशील माना जाता है क्योंकि ये खुला होता है।

■ मरीज बहुत ही ज्यादा सेरेब्रोस्पाइनल फ्लुइड पैदा करते हैं जिससे हाइसिफेलस बन जाता है।

■ हाइसिफेलस से ये और भी अधिक खतरनाक हो जाता है।

■ स्पाइना बिफिडा के सही कारण का अब तक पता नहीं चला है।

■ डायबिटिज से पीड़ित महिलाओं को स्पाइना बिफिडा

ग्रस्त बच्चे पैदा होने के ज्यादा चांस होते हैं। ■ इसमें दरार वाली जगह के नीचे की पेशियां कमजोर

हो जाती हैं या उसके नीचे के हिस्से में लकवा मार जाता है। कई मामलों में मल-मूत्र विसर्जन पर नियंत्रण नहीं रह जाता।

तीन तरह का है स्पाइना बिफिडा स्पाइना बिफिडा ओक्युल्टा – रीढ़ की हड्डियों को नुकसान पहुंचा बिना उसमें एक छेद होता है।

मेनिंगोसील – रीढ़ की हड्डी में एक छेद होता है जिससे मेरुरज्जु की सुरक्षा कवच में दबाव के कारण वो

थैली के रूप में बाहर बनकर आ जाती है। इसे मेनिंगोसील कहते हैं। इसमें मेरुरज्जु सुरिक्षत रहती है और नर्वस सिस्टम को मामूली क्षति पहुंचाकर या बिना कोई क्षति पहुंचाए इसकी मरम्मत की जा सकती है।

माइलोमेनिंगोसील – यह गंभीर तरह का स्पाइना बिफिडा है। इसमें मेरुरज्जु का एक हिस्सा पीठ की तरफ से बाहर निकल कर आ जाता है। कुछ मामलों में ये स्पाइना बिफिडा पुटिका त्वचा से ढंकी रहती है, तो कुछ में ऊतक और तंत्रिकाएं अनावृत हो जाती हैं।

लक्षण

■ स्पाइना बिफिडा के लक्षण इसकी गंभीरता पर निर्बर करते हैं।

■ स्पाइना बिफडा ओक्युल्टा में किसी भी तरह के लक्षण देखने को नहीं मिलते।

■ कई मामलों में हल्का सा दोष मेरुरज्जु में देखने को मिलता है जैसे बालों का उगना, डिम्पल या उस स्थान पर हल्का सा फैट जमना ।

क्या हैं उपचार

■ स्पाइना बिफिडा से पीड़ित बच्चा किसी भी परिवार में पैदा हो सकता है।

■ गर्भावस्था में औरतों को चीजों का सेवन सोच- समझकर करना चाहिए। चीजें गर्भ को काफी प्रभावित करती हैं।

■ गर्भावस्था के पहले और शुरुआती समय में फॉलिक एसिड के सेवन करने से गर्भास्थ शिशु के स्पाइना बिफड़ा और दूसरे तंत्रिका नाल विकारों से ग्रस्त होने की संभावना कम होती है

जन्मदोष बीमारी है स्पाइना बिफिडा
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