
चीन में हाल ही में संपन्न हुई जनगणना से खुलासा हुआ है कि देश में करीब तीन करोड़ पुरुष अविवाहित हैं। यह संख्या कई देशों की कुल आबादी से कही ज्यादा है। इस असंतुलन का प्रमुख कारण दशकों से समाज में लड़कों को प्राथमिकता देना है। हालांकि, हाल के वर्षों में लड़कियों के जन्म में मामूली वृद्धि हुई है, फिर भी लिंगानुपात में भारी अंतर बना हुआ है।सातवीं जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्ष चीन में 1.2 करोड़ शिशुओं का जन्म हुआ, इसमें प्रति 100 लड़कियों पर 111.3 लड़कों का अनुपात दर्ज हुआ। वर्ष 2010 में यह अनुपात 118.1 था, जिससे मामूली सुधार का संकेत मिलता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार भी विवाह योग्य पुरुषों की बढ़ती संख्या की समस्या को हल करने में नाकाफी है। इस बारे में जानकार ने बताया कि चीन में आम तौर पर पुरुष अपने से कम उम्र की महिलाओं से विवाह करते हैं। लेकिन जनसंख्या वृद्धि की मौजूदा प्रवृत्ति को देखते हुए, अधिक उम्र कुंवारे पुरुषों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे विवाह योग्य महिलाओं की संख्या में भारी कमी दर्ज हुई है, जो भविष्य में और भी जटिल सामाजिक चुनौतियों को जन्म दे सकती है। जानकार ने चेतावनी दी है कि आने वाले वर्षों में विवाह योग्य लड़कों की संख्या बढ़ने के साथ- साथ विवाह योग्य लड़कियों की कमी एक गंभीर समस्या बन सकती है। चीन में लिंगानुपात का यह असंतुलन भविष्य में विवाह, परिवार संरचना और समाज के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इस समस्या के समाधान के लिए नीतिगत बदलाव और समाज में लिंग समानता को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
