वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन संतोषजनक रहा, लेकिन आगे मांग की स्थिति को लेकर चिंता बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का परिदृश्य अच्छा है, जिसे स्थिर बाह्य क्षेत्र, सकारात्मक कृषि परिदृश्य, त्यौहारी सीजन के कारण मांग में अपेक्षित सुधार और सरकारी व्यय में इजाफे से मदद मिल रही है। इससे निवेश गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा सोमवार को जारी मासिक आर्थिक समीक्षा के सितंबर संस्करण में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में मांग की स्थिति पर नजर रखी जानी चाहिए। उपभोक्ता भावना में नरमी, सामान्य से अधिक वर्षा के कारण सीमित ग्राहक संख्या, तथा मौसमी अवधि के दौरान लोग नई खरीदारी से परहेज करते हैं, के कारण शहरी मांग में कमी आती दिख रही है। इसके अलावा कुछ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में भू-राजनीतिक संघर्ष बढ़ने, भू-आर्थिक विखंडन गहराने तथा वित्तीय बाजारों में ऊंचे मूल्यांकन से विकास के लिए जोखिम उत्पन्न हो रहे हैं। इसमें कहा गया है कि भारत पर इनके प्रभाव से नकारात्मक संपत्ति प्रभाव पड़ सकता है, घरेलू भावनाएं प्रभावित हो सकती हैं तथा टिकाऊ वस्तुओं पर खर्च करने की मंशा बदल सकती है।