नई दिल्ली देश में घरेलू कोयला आपूर्ति बढ़ने के कारण इसके आयात में गिरावट दर्ज हुई है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान गैर-विनियमित क्षेत्रों (एनआरएस) का कोयला आयात 9.83 फीसदी घटकर 63.28 मीट्रिक टन (एमटी) रह गया। गैर-विनियमित क्षेत्रों का कोयला आयात 9.83 फीसदी घट कर 63.28 मीट्रिक टन पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में एनआरएस ने 70.18 मीट्रिक टन कोयला आयात किया था। इसी तरह मिश्रण उद्देश्य के लिए घरेलू ताप विद्युत संयंत्रों का कोयला आयात भी अप्रैल-सितंबर अवधि में 8.59 फीसदी घटकर 979 मीट्रिक टन रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 10.71 मीट्रिक टन रहा था। कोयला मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर के दौरान कुल कोयला आयात पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 127.78 मीट्रिक टन की तुलना में 1.36 फीसदी बढ़ कर 129.52 मीट्रिक टन हो गया। वहीं, मूल्य के संदर्भ में अप्रैल-सितंबर के दौरान कुल आयातित कोयला 1,38,763.50 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 1,52,392.23 करोड़ रुपये से कम है। मंत्रालय के मुताबिक आयात में कमी के परिणामस्वरूप 13,628.73 करोड़ रुपये की बचत हुई है, जो कोयला खरीद के लिए अधिक लागत प्रभावी दृष्टिकोण को दर्शाता है। घरेलू कोयले की आपूर्ति पर बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है। हालांकि, इस्पात उद्योग के लिए जरूरी कोकिंग कोयले और आयातित कोयला आधारित (आईसीबी) बिजली संयंत्रों के लिए कोयले के आयात में वृद्धि हुई है, जिन्हें घरेलू कोयले से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ाकर और लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करके जहां संभव हो, आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही बिजली और इस्पात जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों को समर्थन देने के लिए गैर- प्रतिस्थापनीय कोयले के आयात को मंत्रालय ने कहा कि यह इन क्षेत्रों के लिए रणनीतिक रूप से बनाए रखा गया है।