गौहाटी हाईकोर्ट ने पहाड़ी कटाई और कृत्रिम बाढ़ को रोकने के लिए असम सरकार से कार्ययोजना मांगी

गौहाटी हाईकोर्ट ने पहाड़ी कटाई और कृत्रिम बाढ़ को रोकने के लिए असम सरकार से कार्ययोजना मांगी
गौहाटी हाईकोर्ट ने पहाड़ी कटाई और कृत्रिम बाढ़ को रोकने के लिए असम सरकार से कार्ययोजना मांगी

गुवाहाटी। गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम सरकार को गुवाहाटी और आसपास के क्षेत्रों में अनियंत्रित पहाड़ी कटान को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्यौरा देने का निर्देश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई और न्यायमूर्ति एन उन्नी कृष्णन नायर की खंडपीठ ने गुवाहाटी की कृत्रिम बाढ़ समस्या के संबंध में नॉर्थ ईस्ट इको डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए पारित किया । सुनवाई के दौरान असम सरकार ने एक हलफनामा दायर कर इस मुद्दे के समाधान के लिए चल रही पहलों का विवरण दिया। शहरी मामलों के विभाग ने अदालत को बताया कि गुवाहाटी के लिए जीआईएस आधारित व्यापक जल निकासी मास्टर प्लान विकसित करने के लिए एक कंसल्टेंसी फर्म को नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त, बहिनी नदी के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के साथ-साथ एक स्थलाकृतिक सर्वेक्षण और तूफानी जल नालों की सूची भी तैयार की जा रही है। वरिष्ठ अधिवक्ता कमल नयन चौधरी ने न्याय मित्र की भूमिका निभाते हुए गुवाहाटी मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) के पूर्व सीईओ की सिफारिशें प्रस्तुत कीं। इन सुझावों में शामिल हैं: बाढ़ की समस्या का समाधान होने तक निचले इलाकों में निर्माण की अनुमति पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह सुनिश्चित करना कि ग्रेटर गुवाहाटी के सभी आरक्षित वन क्षेत्र अतिक्रमण से मुक्त हों । निर्माण गतिविधियों को विनियमित करने के लिए टीआरए (नगर एवं क्षेत्रीय प्राधिकरण) क्षेत्राधिकार से बाहर की भूमि का सर्वेक्षण करना । अदालत ने इन सुझावों पर गौर किया और असम सरकार को निर्देश दिया कि वह इन्हें बाढ़ नियंत्रण योजना में शामिल करे। असम के महाधिवक्ता देबोजीत सैकिया ने माना कि अनियंत्रित पहाड़ी कटाई और खनन शहर में कृत्रिम बाढ़ के प्राथमिक कारणों में से एक थे। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इन प्रथाओं को रोकने के उपायों पर काम कर रही है। इस मुद्दे की तात्कालिकता पर बल देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि बड़े पैमाने पर पहाड़ों की कटाई को रोका जाना चाहिए और असम सरकार को पहाड़ों पर खनन को रोकने के लिए की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई में अदालत के निर्देशों पर सरकार की प्रतिक्रिया का आकलन किए जाने की उम्मीद है।

गौहाटी हाईकोर्ट ने पहाड़ी कटाई और कृत्रिम बाढ़ को रोकने के लिए असम सरकार से कार्ययोजना मांगी
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